दिव्यांग मुक्त भारत, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश व महावीर सेवा सदन, कोलकाता की अद्भुत पहल

-दिव्यांग सेवा के लिए समर्पित की कृत्रिम अंगों की माप लेने वाली अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस

ऋषिकेश, 19 दिसम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती के आशीर्वाद से दिव्यांग सेवा के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस वेद मंत्रों के साथ पूजन कर समर्पित की गयी, जो विश्व की यह पहली ऐसी एम्बुलेंस है। इसके अन्तर्गत यह सुविधा है कि दिव्यांगों के अंगों की माप लेकर, अंग बनाकर और फिट भी कर दिये जायेंगे ,ताकि उन्हें बार-बार न आना पड़े।

मंगलवार को परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश और महावीर सेवा सदन कोलकाता के संयुक्त तत्वाधान में विगत कई वर्षों से दिव्यांगों को गरिमामय व सम्मानजनक जीवन प्रदान करने हेतु भारत के विभिन्न राज्यों में दिव्यांग मुक्त शिविर लगाये जा रहे हैं, जिसके अन्तर्गत दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, कैलीपर्स, मोल्डेड शू आदि प्रदान किये जाते हैं। वर्ष 2022 से उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर में नियमित रूप से दिव्यांग शिविरों का आयोजन किया जा रहा हैं। जिसके अन्तर्गत जिला स्तर पर सर्वे कर सभी दिव्यांगों तक पहुंच बनायी जा रही हैं ताकि आगामी 10 वर्षों में दिव्यांग मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

दिव्यांग शिविरों का उद्देश्य शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को उनकी वास्तविक क्षमता के अनुरूप संसाधनों और सेवाओं तक पहंुच बनाना तथा उन्हें गरिमामय व सम्मानजनक जीवन जीने के लिये प्रेरणा प्रदान करना है। पिछली बार दिव्यांग शिविर के अनेक ऐसे उदाहरण हैं उन्हें कृत्रिम अंग लगाने के पश्चात वे उन अंगों के साथ इतने सहज हो गये कि वे अब नृत्य भी कर सकते हैं।

वर्ष 2024 में उत्तराखंड सहित भारत के अन्य राज्य में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त एम्बुलेंस के माध्यम से दूरदराज और वंचित क्षेत्रों तक पहुंचकर दिव्यांगों के विकृत व अविकसित अंगों की माप लेकर कृत्रिम अंग कैलीपर्स, कृत्रिम हाथों को तैयार कर निःशुल्क दिए जाएंगे। एम्बुलेंस के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच कर दिव्यांगों को समर्पित परियोजना को प्रभावी और कुशल निष्पादन हेतु स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने वेद मंत्रों के साथ पूजन कर एम्बुलेंस को रवाना किया।

इस अवसर पर विनोद बागरोडिया , श्रीमती आभा बागरोडिया , जे.एस. मेहता , विजय सिंह चोररिया , विनोद गोयल , अमित जैन , सुश्री नंदिनी , आचार्य दीपक शर्मा जी आदि उपस्थित थे।

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