– ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण एवं खुले में माँस-मछली बिक्री रोकने को लेकर हुई धर्मगुरुओं और सामाजिक व व्यापारिक संगठनों की बैठक
ग्वालियर, 19 दिसंबर (हि.स.)। ध्वनि प्रदूषण दूसरों के लिये ही हानिकारक नहीं है। यह खुद को और अपने परिजनों को भी बुरी तरह प्रभावित करता है। इसलिए अपने घर, परिवार व कार्यालय से ध्वसनि प्रदूषण पर नियंत्रण की पहल करें। इसके बाद दूसरों को पहले टोकिए फिर रोकिए। यह बात कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने मंगलवार को डीजे व लाउड स्पीकर इत्यादि ध्वनि विस्तारक यंत्रों का निर्धारित मानकों के अनुसार उपयोग करने और खुले में माँस-मछली की बिक्री पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों के पालन को लेकर बुलाई गई बैठक में कही।
उन्होंने कहा यह सब हम सबके जीवन से जुड़ा मसला है। यदि हम इसको लेकर सजग नहीं हुए तो सभी पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। बैठक में खासतौर पर धर्मगुरू, रोटरी, जीवाजी क्लब, विभिन्न व्यापारिक संगठन, मैरिज गार्ड एसोसिएशन, होटल व्यवसायी, डीजे व साउण्ड सिस्टम कारोबारी, होटल व्यवसायी, ऑटो- टैक्सी यूनियन इत्यादि संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
यहाँ जिला पंचायत के सभागार में मंगलवार को हुई इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक कुमार, स्मार्ट सिटी की सीईओ नीतू माथुर व अपर कलेक्टर टीएन सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भरोसा दिलाया कि वे ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण में पूरा सहयोग करेंगे। पारिवारिक व धार्मिक अनुष्ठानों में डीजे व लाउड स्पीकर का कम से कम उपयोग करेंगे। सदैव इस बात का ध्यान रखेंगे कि ध्वनि विस्तारक यंत्रों से किसी दूसरे को तकलीफ न पहुँचे। साथ ही खुले में माँस-मछली की बिक्री रोकने में पूरा सहयोग करेंगे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश चंदेल ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण और खुले में माँस-मछली की बिक्री रोकने के लिये सभी संगठन आगे आएँ। हमारे प्रयास ऐसे हों जिससे कानून का पालन कराने के लिये सख्ती की जरूरत ही न रहे।