सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने महाकाल मंदिर से लिए भस्म और भांग के नमूने

उज्जैन, 19 दिसम्बर (हि.स.)। भगवान बाबा महाकाल के शिवलिंग की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने मंगलवार को महाकाल मंदिर से भगवान को अर्पित होने वाली भस्म, पानी और भांग के नमूने लिए है।

दरअसल, लगभग 6 वर्ष पूर्व भगवान महाकालेश्वर के शिवलिंग क्षरण और मंदिर की संपदा का नुकसान होने के साथ अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर की परंपरा और पूजन पद्धति पर हस्तक्षेप से तो इनकार कर दिया था, लेकिन शिवलिंग क्षरण रोकने और मंदिर की संपदा को सुरक्षित रखने के जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई), आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) को गाइडलाइन बनाने के आदेश दिए थे।

कोर्ट ने दोनों संस्थाओं की गाइडलाइन का पालन करने के आदेश मंदिर प्रबंध समिति और जिला प्रशासन को दिए थे। इसके साथ ही कोर्ट ने जीएसआई, एएसआई को प्रति 6 माह में मंदिर के साथ शिवलिंग का निरीक्षण, भगवान को अर्पित होने वाली सामग्री तय मानक के अनुसार होने के संबंध में परीक्षण के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में जीएसआई की सात सदस्य टीम सोमवार शाम उज्जैन पहुंची। इसके पहले भी कई बार जीएसआई, एएसआई की टीम यहां आकर जांच कर चुकी है।

सात सदस्यीय दल ने आज मंदिर पहुंचकर शिवलिंग की स्थिति का आकलन किया। जीएसआई भोपाल कार्यालय के डायरेक्टर आरएस शर्मा समेत 7 लोगों के दल ने सुबह से मंदिर में अलग-अलग सैंपल लेना शुरू किए। इसमें भस्म, आरओ वॉटर, भांग, श्रृंगार और पूजन के बाद चैंबर में निकलने वाले पानी के नमूने लिए हैं।लैबोरेटरी में टेस्टिंग के बाद रिपोर्ट जीएसआई के अधिकारियों को सौंपी जाएगी।

मंदिर समिति ने भस्म आरती में भगवान महाकाल को अर्पित की जाने वाली भस्म को लेकर भी निर्देश जारी किए थे। समिति ने निर्देश दिए कि भस्म आरती में भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करने से पहले ज्योतिर्लिंग को शुद्ध सूती वस्त्र से पूरा ढका जाए, इसके बाद ही भस्म अर्पित करें।

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