डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का दीक्षान्त समारोह सम्पन्न
लखनऊ, 29 दिसम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को डॉ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ का प्रथम दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। राज्यपाल ने कलश में जलधारा अर्पण करके जल संरक्षण के संदेश के साथ दीक्षांत समारोह का शुभारम्भ किया। समारोह में कुल 28 पदक एवं 60 उपाधियों का वितरण किया गया। समस्त उपाधियों को राज्यपाल ने बटन दबाकर डिजिलॉकर में अपलोड भी किया।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में उपाधि व पदक प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डॉक्टरी पेशे का उद्देश्य केवल जीविकोपार्जन एवं व्यक्तिगत उन्नति के लिए नहीं है, बल्कि मानव सेवा भी है। उन्होंने उपस्थित चिकित्सकों से कहा कि चिकित्सक का मरीज के साथ संवाद और सामंजस्य आवश्यक है। यह मरीज को जिंदगी दे सकता है। उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ अपनेपन की भावना से कार्य करें, चिकित्सकों के कार्यों से समाज को फायदा होगा और एक स्वस्थ तथा विकसित भारत के सपने को हासिल किया जा सकेगा।
राज्यपाल ने कहा कि डॉक्टर और नर्स में योग्यता के साथ-साथ मरीजों के प्रति करुणा का भाव होना भी बहुत जरूरी है। संस्थान द्वारा विविध नए पाठ्यक्रम शुरू करने की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इससे देश-प्रदेश तथा अन्तर्राज्यीय युवाओं के लिए चिकित्सा शिक्षा के विभिन्न आयामों में शोध तथा प्रदेश में उच्च कोटि के अध्ययन की सुविधा मिलेगी। उन्होंने वर्तमान समय को रोबोट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समय बताते हुए कहा कि तकनीकी समाधानों के साथ-साथ चिकित्सा के विभिन्न तरीकों को भी बढ़ाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने चिकित्सकों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए स्वस्थ समाज का निर्माण करें। स्वस्थ समाज से ही समृद्ध समाज का निर्माण होगा।
इस अवसर पर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने पदक प्राप्त विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे अपने जीवन में नई ऊंचाइयां प्राप्त करें तथा अपने क्षेत्र में आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि लखनऊ में अवस्थित के0जी0एम0यू0, पी0जी0आई0 तथा आर0एम0एल0आई0एम0एस0 के पदक प्राप्त विद्यार्थियों में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए।
समारोह के मुख्य अतिथि एवं इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एण्ड बिलीरी साइंसेज नई दिल्ली के चांसलर पद्म भूषण डॉ0 शिव कुमार सरीन ने कहा कि जीवन में स्वयं का रास्ता बनाएं, जिसका लोग अनुकरण करें। उन्होंने कहा कि अपनी मानसिकता को सकारात्मक सोच की ओर परिवर्तित करें। उन्होंने कहा कि अच्छे डॉक्टर की खुशबू हर जगह जाती है। उन्होंने डॉक्टर के साथ-साथ अच्छे मानव बनने की भी नसीहत दी।
इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रोफेसर सोनिया नित्यानंद द्वारा संस्थान की प्रगति आख्या प्रस्तुत की । दीक्षान्त समारोह में कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अन्य अधिकारी, चिकित्सक एवं कर्मचारी तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।