प्रयागराज, 19 दिसम्बर (हि.स.)। प्रालब्ध सबके लिए महत्वपूर्ण है। इसीलिए भगवान राम को वनवास मिला और भगवान कृष्ण का जन्म जेल में हुआ। हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि आने वाली पीढ़ी को अपने ज्ञान और अनुभव की शिक्षा देकर जायें।
यह बातें भगवान शंकराचार्य मंदिर, ब्रह्म निवास अलोपीबाग में स्थित स्वामी शान्तानंद सरस्वती सभागार में आयोजित नौ दिवसीय आराधना महोत्सव में मुख्य अतिथि महाभारत धारावाहिक में युधिष्ठिर की भूमिका करने वाले गजेन्द्र सिंह चौहान ने सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि मैं गाँव की जमीन खामपुर से चलकर बम्बई पहुंचा। महाभारत का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि महाभारत में भाई का प्रेम, राजनीति का ज्ञान, बुरा काम न करने का संदेश, जो बोलें सच ही बोलें, सोच समझकर बोलें का संदेश मिलता है।
उन्होंने बताया कि महाभारत वास्तव में मौलिक रूप से शांति का संदेश देता है। आज फिल्मों में भी बदलाव की आवश्यकता है। गरीबों की गरीबी को दिखाकर पैसा कमाने के स्थान पर मजबूत सांस्कृतिक संदेश फिल्मों के माध्यम से दिया जाना चाहिए। फिल्म इण्डस्ट्री की सबसे बड़ी कुर्सी पर रहने के बाद भी अब मैं रोहतक के मत्स्यनाथ विश्वविद्यालय में वाइस-चांसलर हूं।
उन्होंने कहा आज ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य जी द्वारा गुरुओं के सम्मान में आयोजित आराधना महोत्सव में आकर मुझे भी ज्ञान मिला। ज्ञान से जीवन में जीने की शक्ति मिलती है। स्वयं अपना परिचय बताते हुये उन्होंने कहा कि देवों में देव इन्द्र, भारत में नरेन्द्र, महाराष्ट्र में देवेन्द्र, फिल्मों में धर्मेन्द्र, क्रिकेट में महेन्द्र, शिक्षा व फिल्म जगत में गजेन्द्र का नाम उल्लेखनीय है। उन्होंने बताया कि देश को एक मजबूत आदर्श व्यक्ति की जरूरत थी जो मोदी जी के रूप में मिल गया है।
अपने आशीर्वचन में श्रीमज्ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने बताया कि वेद पुराण, रामायण, महाभारत में सनातन धर्म की संस्कृति व जीवनशैली का उल्लेख किया गया है, जिसका अध्ययन और आचरण प्रत्येक नर-नारी को करना चाहिए। कथा व्यास जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामानंददास, रामकुंज आश्रम, रामघाट अयोध्या ने श्रीमद्भागवत कथा के महत्वपूर्ण प्रसंगों, विभिन्न पुराणों तथा ईश्वर के विभिन्न अवतारों का संगीतमय भजनों के साथ वर्णन किया।
ज्योतिष्पीठ के पूर्व प्रधानाचार्य पं. शिवार्चन उपाध्याय, जयपुर के सीताराम शर्मा, सिंगरौर पंजाब के प्रधान, वेदप्रकाश शर्मा, दंडी संन्यासी विनोदनंद सरस्वती ने मुख्य अतिथि गजेन्द्र सिंह चौहान को माला पहनाया तथा महेश योगी की तरफ से व्यास ने गजेन्द्र सिंह चौहान को सम्मानित किया। कार्यक्रम में स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती, ब्रह्मदत्तपुरी, आचार्य विपिन, आचार्य मनीष, आचार्य अभिषेक मिश्र, जितेन्द्र सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित रहे।