काशी-तमिल संगमम-2 के पांचवीं निशा में ओम नम: शिवाय शंकरा पर झूमे तमिल प्रोफेशनल

– नमो घाट पर नौ प्रस्तुतियां,पंबई लोक वाद्य यंत्रों की धुन

वाराणसी,21 दिसम्बर (हि.स.)। काशी-तमिल संगमम-2 के पांचवें दिन गुरूवार शाम नमो घाट पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में लोक कलाकारों ने भगवान काशी विश्वनाथ की महिमा और ओम नम: शिवाय शंकरा की आकर्षक प्रस्तुति से तमिल प्रोफेशनल को भक्तिगीतों पर जमकर झुमाया। कुल नौ प्रस्तुतियों को देख घाट पर हर कोई मुग्ध नजर आया।

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तंजावूर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के बैनर तले पहली प्रस्तुति वाद्य लोक आधारित पंबई की रही। तमिलनाडु के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान कलाइमामणि अवार्ड से सम्मानित इस प्रस्तुति ने काफी रंग जमाया। प्रस्तुति के दौरान वाद्य यंत्रों को बजा रहे लोक कलाकारों ने भगवान काशी विश्वनाथ के भजन और ओम नम: शिवाय शंकरा भी गाया। तमिलनाडु के कलाकार के. कुमारावेल और उनके दल ने यह खास प्रस्तुति ढोलक जैसे वाद्य यंत्रों पर दी। कलाइमामणि अवार्ड से सम्मानित दूसरी प्रस्तुति नैयंडी मेलम की रही। तमिलनाडु की शहनाई और ढोल की संगत पर कलाकार पी मुरुगन ने अपनी टीम के साथ फोक संगीत की प्रस्तुति दी। तीसरी प्रस्तुति बनारस घराने के वाद्य यंत्रों की रही। सितार, सरोद, बांसुरी और तबले की संगत ने तमिल डेलीगेट्स को हैरान कर दिया।

प्राचीन बनारस घराने से आए अभिषेक महाराज सितारवादन, विशाल महाराज सरोद वादन, किशन कृष्णा बांसुरी और प्रभास महाराज ने तबले पर संगत करते हुए रुद्राकष्टम गाया। बनारसी कलाकारों ने राग चारू केसी की अवतारणा की। नमामीश मिशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद: स्वरुपम्। निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं चिदाकाश मकाशवासं भजेऽहम् सुनाया। चौथी प्रस्तुति गायन विधा की रही। गणेश प्रसाद मिश्रा और उनकी टीम ने शास्त्रीय गायन पर प्रस्तुति दी।

पांचवीं प्रस्तुति भरतनाट्यम की रही। तमिलनाडु के तंजावुर से आईं अबिरामी शंकर और उनकी टीम ने भारतनाट्यम की बड़ी मनोहारी प्रस्तुति दी। छठवीं प्रस्तुति वाराणसी के नृत्य की रही। डॉ. रंजना उपाध्याय और उनकी टीम ने यह नृत्य कर तमिलनाडु से आए प्रोफेशनल डेलीगेट्स को झूमा दिया।

सातवीं प्रस्तुति सक्काकुचियट्टम, मानकोमबट्टम और थपट्टम की हुई। तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली से आए कलाकार एस साथ्यां ने अपनी पूरी टीम के साथ इसकी प्रस्तुति दी। आठवीं प्रस्तुति पेरियालम की रही। नमो घाट पर तमिलनाडु के तिरुवनामलाई से आए कलाकार ए. बालमुरुगन और उनकी टीम ने बेहतरीन प्रस्तुति दी।

नौवीं और अंतिम प्रस्तुति कारगम, कवडी, ओलियाट्टम और नैयांदिमेलम की रही। पेरामपालुर से आए कलाकार वी. निथिया विजय कुमार की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में रंग जमा दिया।