भोपाल, 20 दिसंबर (हि.स.)। मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना एक बार फिर चर्चा में है। दरअसल, बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण हुआ, जिसमें लाड़ली बहना योजना का जिक्र नहीं था। इसे लेकर कांग्रेस ने योजना के जारी रहने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। इसके बाद भाजपा विधायक कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोई भी योजना बंद नहीं हो रही है।
मप्र की 16 विधानसभा के प्रथम सत्र में तीसरे दिन बुधवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल पटेल ने कहा कि संकल्प पत्र 2023 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी भी है और विकसित मध्य प्रदेश के निर्माण का विजन डाक्यूमेंट भी। सरकार ने संकल्प पत्र के बिंदुओं को धरातल पर उतरने का काम प्रारंभ भी कर दिया है। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर तीन हजार प्रति मानक बोरा से बढ़कर चार हजार रुपये कर दी गई है। मध्य प्रदेश के मन में बसे मोदी की हर गारंटी को पूरा करने के उद्देश्य से संकल्प पत्र के प्रत्येक बिंदु को समय सीमा में क्रियान्वित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार के लिए सुशासन केवल एक शब्द नहीं बल्कि उसके हर अक्षर को सच्चे अर्थों में चरितार्थ करने का मंत्र है। एक जनवरी 2024 से साइबर तहसील की व्यवस्था को प्रदेश के सभी 55 जिलों में लागू करने का क्रांतिकारी निर्णय लिया गया है। संपदा 2 साफ्टवेयर भी प्रदेश में शीघ्र लागू किया जा रहा है, जिसके माध्यम से डिजिटल रजिस्ट्री की प्रक्रिया सरल और सुगम बनेगी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विगत साढ़े नौ वर्षों में भारत में सेवक सरकार के युग का प्रारंभ हुआ है। गरीब और वंचित, एक जमाने में जिनकी कोई पूछ परख नहीं थी प्रधानमंत्री उन्हें पूछते भी हैं और पूजते भी हैं। देश के गरीब, किसान, नारी शक्ति और युवा ही उनकी नजरों में सबसे बड़े वीआइपी हैं। इसी से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने संपूर्ण शक्ति के साथ समर्पित भाव से काम करने का प्रण लिया है। विकसित भारत संकल्प यात्रा का मध्य प्रदेश में 16 दिसंबर से शुभारंभ हो गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने गंभीर अपराधों में लिप्त रहे आदतन अपराधियों को कठोर दंड दिलवाने तथा ऐसे अपराधियों को न्यायालय से प्राप्त जमानत के लाभ के दुरुपयोग को रोकने, अनुपयोगी और खुले बोरवेल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने, ध्वनि विस्तारक यंत्रों के वैधानिक प्रयोग पर नियंत्रण तथा मांस मछली के अनियंत्रित क्रय-विक्रय को प्रतिबंधित करने के लिए अभियान के रूप में कार्रवाई प्रारंभ कर सरकार ने यह स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया है कि सुशासन और कानून के राज बढ़कर कोई नहीं है।
राज्यपाल के अभिभाषण में लाड़ली बहन योजना का उल्लेख नहीं किए जाने पर विपक्ष ने टोकाटाकी की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि, लाडली बहनों के नाम से चुनाव जीता, उन्हीं का कहीं जिक्र नहीं था। उन्होंने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि किसानों का जिक्र भी राज्यपाल के भाषण के अंदर नहीं है। सिर्फ सपनों का अभिभाषण दिया है। कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने कहा कि राज्यपाल की अभिभाषण में लाड़ली बहना का जिक्र नहीं है। इसका साफ मतलब है कि अब सरकार इस योजना को बंद करेगी।
वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर विधानसभा में लाडली बहना को 3 हजार रुपये देने की बात कही थी। भाजपा ने लाडली बहनों के साथ वादा खिलाफी की है। उन्होंने कहा कि सबसे पहला आदेश लाडली बहनों तीन हजार देने का होना चाहिए था। यह पहला अभिभाषण है, जिसमें सभी जगह सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र है, प्रदेश के मुख्यमंत्री का कहीं नाम ही नहीं है। केंद्र की योजनाओं का जिक्र है, राज्य सरकार का नहीं। ऐसा लगता है कि यह मोदी सरकार द्वारा बनाया हुआ अभिभाषण है। केंद्र शासित प्रदेश बनने की दिशा में यह पहला कदम है।
हालांकि, सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कोई भी योजना बंद नहीं होगी। केंद्रीय योजना का उल्लेख इसलिए किया गया, क्योंकि उनमें राज्य का अंश भी रहता है। राज्यपाल के अभिभाषण में सभी योजनाओं का जिक्र है। चाहे वह लाड़ली लक्ष्मी हो, आवास योजना हो या बीजेपी सरकार की अन्य योजनाएं हो सबका जिक्र है। कांग्रेस बेवजह इस मामले को तूल दे रही है।