राम कथा ही मनुष्य को विकारों से बचा सकती है: प्रेमभूषण

लखनऊ,19 दिसम्बर (हि.स.)। हम जिस युग में जी रहे हैं वहां हर मनुष्य विकारों से दूर नहीं रह पाता है। काम क्रोध,लोभ, मद और मत्सर आदि विकारों से बचने का एकमात्र सहज साधन श्री राम कथा ही है। रामचरितमानस में लिखा है इस कथा को जो सुनेगा, कहेगा और गाएगा वह सब प्रकार के सुखों को प्राप्त करते हुए अंत में प्रभु श्री राम के धाम को भी जा सकता है। यह बातें कथावाचक प्रेम भूषण महाराज ने गोमतीनगर विस्तार में चल रही कथा के दौरान कही। कथा का आयोजन ममता चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से किया जा रहा है।

प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि जीवन में सुख और शांति की अपेक्षा है तो घर में सत्संग का वातावरण बनाया जाय। घर में सत्संग का वातावरण होगा तो अगली पीढ़ी के बच्चों में वह अवतरित होगा। बच्चे कुसंगति को बहुत जल्दी अंगीकार करते हैं। अगर उन्हें कल कुसंगति से बचाना है तो उन्हें निरंतर सत्संग में गति करानी होगी। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि देवभूमि है धर्म की भूमि है यहां धर्म का पालन करने वाले ही सदा सुखी रहते हैं और अधर्म पथ पर चलने वाले लोगों को दुख भोगने पड़ते हैं।

कथा प्रेमियों से उन्होंने कहा कि अपने परिवार को बचाने के लिए संकल्पित हों। जिसके जीवन में जितना अधिक सदाचार होगा, उसकी परमात्मा के चरणों में उतनी ही प्रीति होगी। पूज्य महाराज ने कहा कि मनुष्य अपने जीवन में अपनी संपत्ति का उत्तराधिकारी तो तय कर देता है, लेकिन उसने जो परमार्थ कार्य किया है, उसे भी आगे बढ़ाने की कोई व्यवस्था नहीं सोचता है।

प्रेम भूषण महाराज ने कहा कि अगर मनुष्य को जीवन में सुख चाहिए तो वह उसे सिर्फ अपने सत्कर्म से ही प्राप्त हो सकता है। अपने परिश्रम से अर्जित धन से जो व्यक्ति अपना जीवन व्यतीत करता है वही सुखी रह पाता है। भगवान की सेवा करें क्योंकि सांसारिक ऐश्वर्य यहीं रह जाने वाला है साथ केवल भजन, सत्कर्म, यज्ञ एवं पुण्य ही जाएंगे और कुछ साथ नहीं जाने वाला। हमारी संस्कृति धर्म पर आधारित है जैसे तैसे नहीं चलती है। धर्म और परंपराओं का सब विधि से पालन होना चाहिए और तभी समाज का कल्याण संभव है।

राम कथा के मुख्य यजमान राजीव मिश्रा ने शुरू में सपरिवार व्यासपीठ का पूजन किया। कथा में पधारे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह,लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी व प्रदेश उपाध्यक्ष बृज बहादुर का राजीव मिश्रा ने अंग वस्त्र और प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया।

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