मुट्ठीभर लोग भारत की छवि को कर रहे धूमिल : उपराष्ट्रपति

गौतमबुद्ध नगर, 24 दिसंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कार्यशैली की जमकर तारीफ की। उन्होंने योगी को पर्सन ऑफ एक्शन का प्रतीक बताया। उप राष्ट्रपति ने इसके साथ ही भारत की छवि धूमिल करने वालों की जमकर खिंचाई की। उन्होंने कहा कि मुट्ठीभर लोग भारत की छवि को धूमिल करने में लगे हैं। आज जब भारत विश्वस्तर पर लगातार आगे बढ़ रहा है तब ये मुट्ठीभर लोग इसे धूमिल करने के प्रयास में लगे हुए हैं। ऐसे समय में देश के युवा साथियों को चुप्पी नहीं साधनी चाहिए। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि मुझे दु:ख होता है जब हमारा एक संसद सदस्य हार्वर्ड में जाकर कहता है कि भारत में लोकतंत्र को खतरा है। जबकि भारत दुनिया का अकेला देश है जहां गांव से लेकर संसद तक लोकतंत्र कायम है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे लिए वो एक सुखद दिन था जब मुझसे कहा गया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपसे बात करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नाम हासिल किया है। आदित्यनाथ आज पर्सन ऑफ एक्शन के प्रतीक बन चुके हैं। हम सब जानते हैं कि यूपी में पहले क्या हालात थे। कानून व्यवस्था और विकास की दृष्टि से ये प्रदेश सबकी चिंता का विषय था। मगर आज यूपी देश ही नहीं दुनिया में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर रोल मॉडल बन चुका है।

धनखड़ ने कहा कि लंबे समय तक वकालत के पेशे में रहने के कारण उनका उद्योग जगत से गहरा नाता रहा है और उन्हें ये बात कहने में खुशी होती है कि यूपी आज प्रीमियम कैटेगरी के उद्योगों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन चुका है। पश्चिम बंगाल का गर्वनर रहने के दौरान वह तीन दर्जन स्टेट विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति थे, मगर वहां चांसलर के साथ क्या होता है, सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह सबसे अलग है।

उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह में वो जो कहना चाहते थे उसे मुख्यमंत्री ने उनसे भी बेहतर ढंग से कहा है। मुख्यमंत्री का भाषण किसी राजनीतिक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक धर्मवेत्ता, एक स्टेट्समैन, एक शिक्षाविद और दूरदृष्टा व्यक्ति का भाषण था। उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री के भाषणों को केवल भाषण नहीं बल्कि योगी के वर्तमान कार्यकलापों की झलक बताया। उन्होंने कहा कि एग्जाम्पल हमेशा स्टेटमेंट से बेहतर होता है। मुख्यमंत्री का भाषण वर्तमान में उनके शासनकाल में दिखता है। उपराष्ट्रपति ने गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय को नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों के स्तर तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री से मांग भी की साथ ही ये विश्वास जताया कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शत प्रतिशत पूरा किया जाएगा।