वनाग्नि चुनौती से निपटने के लिए ठोस समाधान की जरूरत है : राज्यपाल

देहरादून, 04 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) से गुरुवार को राजभवन में उप वन संरक्षक महातिम यादव ने मुलाकात कर वनाग्नि प्रबंधन के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।

इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि प्रतिवर्ष वनाग्नि से हमारी वन संपदा को भारी नुकसान उठाना पड़ता है इसके साथ-साथ यह ग्लोबल वार्मिंग के लिए भी जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में 70 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में वन हैं, हमें इन्हें बचाने के लिए अधिक से अधिक जन सहयोग के प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के रिसर्च की आवश्यकता है, जिससे वनाग्नि को रोकने में सफलता मिल सके। उन्होंने कहा कि वनाग्नि हमारे लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में है और इससे निपटने के लिए ठोस समाधान की जरूरत है।

महातिम यादव ने अल्मोड़ा डीएफओ रहते हुए वनाग्नि से निपटने और उसके समाधान के लिए रिसर्च डाक्यूमेंट तैयार किया गया। जिसे उन्होंने राज्यपाल के सम्मुख प्रस्तुत किया।

उन्होंने बताया कि किस प्रकार जनसहयोग और विभागीय समन्वय से अल्मोड़ा के स्याहीदेवी क्षेत्र में वनों को बचाया गया है। उन्होंने 2022 में वनाग्नि के दौरान आयी चुनौतियों का भी उल्लेख किया। राज्यपाल ने श्री यादव के प्रस्तुतीकरण को सराहा।