श्रीराम का विरोध करने वालों का राजनैतिक मोक्ष निश्चित : रामदेव

हरिद्वार, 04 जनवरी (हि.स.)। योगगुरु बाबा रामदेव ने कहाकि श्रीराम सनातन संस्कृति के आधार हैं। राम इस जगत के कण-कण में विद्यमान है। 500 वर्षों के लम्बे संघर्ष के बाद श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने का अवसर प्राप्त हो रहा है।

स्वामी ने कहाकि हम सभी सौभाग्यशाली हैं, जो इस झण के गवाह बनने जा रहे हैं। हमारे पूर्वजों ने श्री राम जन्मभूमि के लिए असंख्य बलिदान दिए हैं। जिसके बाद यह गौरवशाली क्षण हमें प्राप्त होने जा रहा है। यह बात योगगुरु बाबा रामदेव ने गुरुकुल महाविद्यालय में पतंजलि गुरुकुलम के उद्घाटन समारोह के संदर्भ में आयोजित पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जो लोग अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं, उनको ऐसे बयानों से कोई फायदा होने वाला नहीं है। हां इतना जरूर है कि ऐसे लोगों को राजनैतिक मोक्ष शीघ्र हो जाएगा।

अयोध्या के बाद काशी और मथुरा के संबंध में बाबा रामदेव ने कहाकि अयोध्या में भव्य राम मंदिर को निर्माण हो रहा है। देश के मुस्लिम भाईयों को चाहिए की वह सौहार्दपूर्वक काशी और मथुरा से अपना दावा छोड़ते हुए हिन्दुओं को दोनों स्थलों को सौंप देना चाहिए, जिससे देश में आपसी सौहार्द का वातावरण बढ़ेगा और विश्व में एक नया संदेश जाएगा।

बाबा रामदेव ने कहाकि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उन्हें निमंत्रण पत्र मिला है वह तथा आचार्य बालकृष्ण प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करने जाएंगे। बाबा रामदेव ने कहाकि घर-घर जाकर राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का निमंत्रण दिया जा रहा है, जिन्हें निमंत्रण नहीं भी मिला है वह बिना निमंत्रण के भी जा सकते हैं, क्योंकि श्रीराम तो जन-जन के हैं। उनके कार्य में किसी को निमंत्रण की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।