हरिद्वार, 03 फरवरी (हि.स.)। कनखल स्थित श्री अवधूत जगतराम उदासीन आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर महंत सुरेंद्र मुनि शनिवार को ब्रह्मलीन हो गए। 94 वर्षीय वयोवृद्ध संत महंत सुरेंद्र मुनि के ब्रह्मलीन होने से संत समाज में शोक की लहर है। संत समाज की उपस्थिति में ब्रह्मलीन महंत सुरेंद्र मुनि का आश्रम में अंतिम संस्कार किया गया। उनके शिष्य स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पूर्व शंकराचार्य चौक से सन्यास मार्ग होते हुए जगतराम उदासीन आश्रम तक अंतिम यात्रा निकाली गयी, जिसमें सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरुष व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए।
हरीश रावत ने ब्रह्मलीन महंत सुरेंद्र मुनि को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करने वाले ब्रह्मलीन महंत सुरेंद्र मुनि महान संत थे। उनके ब्रह्मलीन होने से समाज को अपूर्णीय क्षति हुई है। सभी को उनके दिखाए मार्ग पर चलते मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि वयोवृद्ध संत महंत सुरेंद्र मुनि महाराज संत समाज के प्रेरणा स्रोत थे।
श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी रविदेव शास्त्री, कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज व गौ गंगा धाम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी निर्मल दास महाराज ,स्वामी हरिचेतनानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत विष्णुदास, महंत प्रेमदास,महंत निर्भय सिंह, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालुजन मौजूद रहे।