कानपुर, 29 फरवरी (हि.स.)। पिछले वर्ष समुद्री गतिविधियां यानी अल नीनो की सक्रियता से भारत का मानसून प्रभावित रहा। यही नहीं देर से मानसून आया और सामान्य से कम बारिश हुई, लेकिन इस वर्ष अल नीनो कमजोर होता दिखाई दे रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस वर्ष मानसून बेहतर रहेगा और पिछले वर्ष की अपेक्षा अधिक बारिश होने के आसार हैं।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने गुरुवार को बताया कि वर्ष 2023 में कमजोर रहने के बाद इस साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। अल नीनो जो दुनिया भर के मौसम को प्रभावित करता है कमजोर पड़ने लगा है। मौसम विज्ञानी का कहना है कि जून से अगस्त के दौरान ला नीना की स्थिति बनने का मतलब यह है कि इस साल मानसून की वर्षा पिछले साल की तुलना में बेहतर हो सकती है।
आगे कहा कि अगर भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में उच्च तापमान जारी रहता है, तो इसका मतलब तीव्र चक्रवात और अत्यधिक वर्षा भी होगी। अल नीनो खत्म होने बावजूद यह भी संभव है कि वैश्विक तापमान में विसंगतियां बरकरार रहे। यानी गर्मी का सितम बना रह सकता है। ला नीना की तीव्रता अल नीनो के समान नहीं देखी जाती। कहने का मतलब यह कि अल नीनो जितनी गर्मी देता है, ला नीना उसी के अनुरूप ठंडक दे, ऐसा बिल्कुल नहीं है।