-बीएचयू न्यूरोलॉजी विभाग में चार दिवसीय आईईएस समर स्कूल का उद्घाटन
वाराणसी, 29 फरवरी (हि.स.)। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एस. एन. संखवार ने मरीजों में मिर्गी रोग के लक्षण, इलाज और उन पर शोध के लिए बल दिया है। प्रो. संखवार गुरूवार को चार दिवसीय आईईएस समर स्कूल का शुभारंभ करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।
आईएमएस न्यूरोलॉजी बीएचयू और आईएएन चैप्टर वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में परिसर स्थित के. एन. उडप्पा सभागार में आयोजित चार दिवसीय आईईएस समर स्कूल का शुभारंभ कर प्रो.संखवार ने सम्मेलन की तारीफ की। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल ही नहीं बल्कि यूपी, बिहार, झारखंड जैसे तमाम राज्यों में “मिर्गी” को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां है। प्रो. संखवार ने विभागाध्यक्ष प्रो. विजयनाथ मिश्र की प्रशंसा करते हुए कहा कि इंडियन एपिलेप्सी सोसाइटी के पदाधिकारियों के साथ यह चर्चा निःसंदेह मरीजों के इलाज और शोध कार्य में लाभप्रद होगी।
उद्घाटन सत्र में इंडियन एपिलेप्सी सोसाइटी (आईईएस) अध्यक्ष डॉ पी. शरद चंद्रा ने कहा कि मिर्गी को लेकर लगातार कार्य किए जाने की जरूरत है। हम मरीजों का केवल इलाज ही न करें बल्कि उन्हें जागरूक भी करें। मिर्गी के मरीजों के कुछ पढ़े-लिखे तीमारदारों से बात करें, उन्हें लक्षण और इलाज की बातें बताएं। इस बात पर जोर दें कि “मिर्गी लाइलाज नहीं है”। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कुछ हद तक हम जागरूकता फैलाने में कामयाब हुए है, लेकिन इसका प्रतिशत काफी कम है।
सम्मेलन में न्यूरोलॉजी विभाग के फैकल्टी प्रो. आर. एन. चौरसिया, प्रो.दीपिका जोशी, डॉ अभिषेक पाठक, डॉ आनंद, डॉ वरुण ने अपने शोध पर चर्चा की। इसके पहले विभागाध्यक्ष प्रो.विजयनाथ मिश्र ने अतिथियों का स्वागत कर बताया कि आईएमएस बीएचयू का न्यूरोलॉजी विभाग प्रत्येक महीने के दूसरे और चौथे रविवार को सुदूर क्षेत्रों में निःशुल्क चिकित्सकीय कैंप लगाकर मिर्गी के मरीजों पर कार्य कर रहा है। उन्होंने विभाग के प्रकाशित शोध और हो रहे रिसर्च की भी जानकारी दी।
उद्घाटन कार्यक्रम में डॉ विनीता सिंह, डॉ प्रिया देव, निधि चंद्रा, दामिनी शुक्ला के अलावा सभी शोधार्थी मौजूद रहे।