उज्जैन, 29 फरवरी (हि.स.)। ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मन्दिर में गुरुवार से शिव नवरात्रि का पर्व प्रारंभ हो गया है। मंदिर समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व के नौ दिन पूर्व गुरुवार से शिव नवरात्रि पर्व प्रारंभ हुआ। इस दौरान भगवान महाकालेश्वर और श्री कोटेश्वर महादेव भगवान का नित्य विशेष अभिषेक और पूजन किया जायेगा।
गुरुवार सुबह सर्वप्रथम कोटेश्वर महादेव भगवान पर शिव पंचमी का पूजन अभिषेक प्रात: 8 बजे से 9 बजे तक किया गया। कोटेश्वर महादेव के पूजन-आरती के पश्चात भगवान महाकालेश्वर का पूजन-अभिषेक किया। इसके बाद महाकालेश्वर भगवान का पूजन 11 ब्राह्मणों द्वारा एकादश एकादशनी रूद्राभिषेक से सम्पूर्ण शिव नवरात्रि के दौरान किया जाएगा। इसके बाद भोग आरती होगी। अपराह्न 3 बजे भगवान महाकालेश्वर के सांध्य पूजन के पश्चात श्रृंगार किया जायेगा। भगवान महाकालेश्वर के मुखारविन्द व आभूषण कक्ष से निकाले जाकर नये वस्त्र और आभूषण गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर को धारण कराये जायेंगे। यह क्रम 08 मार्च शिव नवरात्रि तक नौ दिनों तक नित्य चलेगा।
महाशिवरात्रि महापर्व पर होगी विशेष पूजन
08 मार्च 2024 महाशिवरात्रि महापर्व पर भस्मार्ती हेतु महाकालेश्वर भगवान के मंगल पट प्रात: 02:30 बजे खुलेंगे। भस्मारती उपरांत 07:30 से 08:15 दद्योदक आरती, 10:30 से 11:15 तक भोग आरती के पश्यात दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा। सायं 04 बजे होल्कर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजन व सायं पंचामृत पूजन के बाद भगवान महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा। रात्रि में सायं 07 बजे से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव का पूजन, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के उपरान्त आरती की जायेगी।
रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 09 मार्च प्रात: 06 बजे तक भगवान महाकालेश्वर का पंचामृत पूजन, भस्म लेपन, विभिन्न फलो के रसो से अभिषेक, गुलाबजल, भाँग आदि से विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा देवादिदेव भगवान महाकालेश्वर का अभिषेक किया जायेगा। अभिषेक उपरांत सप्तधान्य अर्पित कर सप्तधान्य के मुखोटे से भगवान का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधने के उपरांत सेहरा आरती की जायेगी व भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल आदि अर्पित किये जाएंगे। सेहरा दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा।|
09 मार्च को सायं पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान के पट मंगल होंगे। 11 मार्च सोमवार को सायं पूजन से शयन आरती तक भगवान महाकालेश्वर के पञ्च मुखारविन्द के दर्शन होंगे।
शिव नवरात्रि के अवसर पर प्रतिदिन होगा हरि कथा का आयोजन
शिवनवरात्रि के दौरान गुरुवार से प्रतिदिन सायं को महाकाल परिसर स्थित सफेद मार्बल चबूतरे पर इन्दौर निवासी पं. रमेश कानडकर का नारदीय कीर्तन होगा। महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में आज से 09 मार्च तक शिवनवरात्रि निमित्त सनृ 1909 से कानडकर परिवार, इन्दौर द्वारा वंशपरम्परानुसार 115 वर्षों से हरिकीर्तन की सेवा दी जा रही है। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी उनकी परम्परा का निर्वहन करते हुए कथारत्न हरि भक्त पारायण पं. रमेश कानडकर द्वारा शिव कथा, हरि कीर्तन का आयोजन सायं 04 से 06 बजे तक मंदिर परिसर में नवग्रह मंदिर के पास संगमरमर के चबूतरे पर किया जाएगा।