– पूर्वी कमान ने तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में सालाना कमांड स्तरीय प्रशिक्षण अभ्यास किया
– त्रिशक्ति कोर के बटालियनों की विभिन्न इकाइयों के 1500 से अधिक कर्मियों ने हिस्सा लिया
नई दिल्ली, 29 फरवरी (हि.स.)। सेना की पूर्वी कमान ने सिलीगुड़ी के पास तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में सालाना कमांड स्तरीय प्रशिक्षण अभ्यास किया। इसमें इन्फैंट्री और मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री बटालियन की विभिन्न इकाइयों के 1500 से अधिक कर्मियों ने भाग लिया। ‘वन मिसाइल वन टैंक’ के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से 260 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। युद्ध के मैदान पर सामरिक परिदृश्यों को ध्यान में रखते हुए गोलीबारी की गई, जिसमें टैंकों ने प्रमुख भूमिका निभाई है।
पश्चिम बंगाल के उत्तर में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का यह कमांड स्तर का प्रशिक्षण अभ्यास 20 से 28 फरवरी तक चला। फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय पैदल सेना और मशीनीकृत पैदल सेना बटालियनों की विभिन्न इकाइयों के 1500 से अधिक कर्मियों ने अभ्यास में भाग लिया। पूर्वी कमान के त्रिशक्ति कोर के तत्वावधान में गोलीबारी की गई। ‘वन मिसाइल वन टैंक’ के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से 260 से अधिक मिसाइलें दागी गईं। हेलीकॉप्टरों से भेजी गई टुकड़ियों ने लक्ष्यों पर हमला करने का भी अभ्यास किया।
त्रिशक्ति कोर के तहत यह अभ्यास उन सामरिक परिदृश्यों पर केंद्रित था, जहां टैंक महत्वपूर्ण हैं। इनमें हाल ही में शामिल किए गए स्वदेशी लाइट स्ट्राइक वाहन सहित विभिन्न वाहनों से गोलीबारी और जमीन पर स्थित टुकड़ियों की गोलीबारी शामिल थी। त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल वीपीएस कौशिक ने गोलीबारी देखी और सैनिकों के पेशेवर उत्कृष्टता की सराहना करते हुए उनसे इस महत्वपूर्ण हथियार प्रणाली में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि एटीजीएम टुकड़ियों ने विभिन्न तरीकों से गोलीबारी की, जिन्हें उन्हें सामरिक स्थिति के आधार पर अपनाना पड़ सकता है।