पीजी कालेज में दो दिवसीय सेमिनार आयोजित

जोशीमठ, 29 फरवरी (हि.स.)। जोशीमठ भू-धंसाव प्रभावित मूल निवासियों ने गुरुवार को जोशीमठ में विशाल प्रदर्शन कर प्रशासन के वितरित किए गए विकल्प फार्म को बिना कुछ भरे वापस कर दिए गए। भू-धंसाव प्रभावित मूल निवासियों का स्पष्ट मत है कि विकल्प फार्म त्रुटिपूर्ण हैं और दिए गए विकल्पों से संतुष्ट नहीं है, सभी ने एक स्वर में जोशीमठ से कहीं अन्यत्र नहीं जाने का संकल्प लिया।

एक वर्ष से भू धंसाव त्रासदी का दंश झेल रहे मूल निवासियों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या मे मूल निवासियों ने गाजे बाजे के मूल निवासी एकता-जिंदाबाद, वैज्ञानिक रिपोर्ट -सार्वजनिक करो” नारों के साथ विशाल प्रदर्शन किया। मूल निवासियों का जुलूस बदरीनाथ तिराहे से शुरू होकर नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए तहसील प्रांगण में पहुंचकर सभा में तब्दील हुआ।

प्रवेश डिमरी के संचालन में हुई इस सभा को श्री बद्रीनाथ धाम के पूर्व धर्माधिकारी आचार्य भुवन चन्द्र उनियाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, देवपुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूरी,पूर्व सभासद प्रकाश नेगी,लक्ष्मी लाल,आरती उनियाल के अलावा हरीश डिमरी व हरेन्द्र राणा आदि ने संबोधित किया। सभा के उपरांत पालिका के पूर्व सभासद समीर डिमरी ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन का वाचन कर प्रशासन के सुपुर्द किया।

ज्ञापन में कहा गया है कि मूल निवासी जोशीमठ के भू सर्वेक्षण रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है क्योंकि इस रिपोर्ट मे जोशीमठ नगर क्षेत्र में ही सेना, आईटीबीपी, एनटीपीसी व सरकारी विभागों की भूमि व भवन सुरक्षित दर्शाए गए हैं, जबकि मूल/पुश्तैनी निवासियों के गांव घरों को उच्च जोखिम क्षेत्र मे दर्शाया गया है। ज्ञापन मे कहा गया है कि मूल निवासियों का भगवान नरसिंह मंदिर व श्री बद्रीनाथ धाम से जुड़ाव रहा है। आद्य गुरु शंकराचार्य के आगमन से पूर्व से ही और रावलशाही के दौरान तथा बाद में वर्ष 1939 मे गठित श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने भी स्थानीय मूल/पुश्तैनी निवासियों के हक हकूक सुरक्षित रखे हैं और इन धार्मिक परंपराओं के अनवरत निर्वहन हो इसलिए मूल निवासी जोशीमठ को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।

मूल निवासी स्वाभिमान सुरक्षा संगठन द्वारा दिए गए इस आठ सूत्रीय ज्ञापन में की गई न्यायोचित मांगों पर यथा शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है।

मूल निवासियों के इस विशाल प्रदर्शन में नगर क्षेत्र के सभी नौ वार्डों के प्रभावित बड़ी संख्या में मौजूद रहे।