चंडीगढ़ में 3 बदमाशों ने सिक्योरिटी गार्ड पर हमला कर लूटी मोबाइल और नगदी, फरार!

चंडीगढ़ के सेक्टर-16 अस्पताल में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने वाले तारकेश्वर यादव पर बीती रात अज्ञात बदमाशों ने हमला बोलकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। यह वारदात तब हुई जब तारकेश्वर अपनी नाइट शिफ्ट समाप्त कर घर लौट रहे थे। मौलीजागरा इलाके में पहुँचते ही तीन संदिग्ध व्यक्तियों ने उन पर अचानक हमला किया। इस दौरान, हमलावरों ने पहले उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और फिर उनका मोबाइल फोन तथा कुछ नकदी लूट ली। इस अप्रत्याशित हमले के बाद तारकेश्वर ने तुंरत स्थानीय पुलिस को सूचित किया।

सूचना मिलते ही पुलिस ने घटना स्थल पर पहुँचकर पीड़ित से पूछताछ की और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ लूट और मारपीट का केस दर्ज कर लिया। पुलिस की यह कोशिश थी कि हमें जल्दी से जल्दी हमलावरों का पता लगाने में सफलता मिल सके। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने मौलीजागरा और उसके आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच करना शुरू किया है, ताकि तेजी से हमलावरों की पहचान की जा सके। पुलिस ने स्थानीय निवासियों से भी पूछताछ करने का निर्णय लिया है, जिससे इस मामले में कोई अहम सुराग मिल सके।

हालांकि, यह वारदात क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा करती है। मौलीजागरा और उसके आसपास का क्षेत्र पिछले कुछ समय से बढ़ती लूटपाट की घटनाओं का शिकार हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय बढ़ती हुई अपराध की घटनाएँ सुरक्षा की कमी को उजागर करती हैं। इस इलाके के निवासी अब रात के समय बाहर निकलने में हिचकिचा रहे हैं, जिससे उनमें भय का माहौल बन गया है। लोग पुलिस की गश्त की प्रभावशीलता पर गंभीर सवाल उठा रहे हैं।

पुलिस अधिकारी घटनाओं की बढ़ती हुई श्रृंखला को गंभीरता से ले रहे हैं और जनता को आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द से जल्द हमलावरों को गिरफ्तार किया जाएगा। उनका कहना है कि सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाएगा, ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी रूप से रोक लगाई जा सके और इलाके के निवासियों को सुरक्षा का अनुभव हो। पुलिस अब जागरूकता कार्यक्रमों की योजना भी बना रही है, ताकि लोग स्वयं अपनी सुरक्षा के प्रति सजग रहें और इस मामले में पुलिस की मदद कर सकें।

ऐसी घटनाएँ न केवल पीड़ित के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय हैं और यह आवश्यक है कि प्रशासन शीघ्र कदम उठाए ताकि लोग सुरक्षित महसूस कर सकें और उनके दैनिक जीवन में सुरक्षा का माहौल बहाल किया जा सके।