फाजिल्का में कहर: स्कूल से लौटते टीचर पर हमले के बाद पर्स-कागजात लूटे

फाजिल्का के कमालवाला गांव के सरकारी स्कूल के एक मैथ शिक्षक से मारपीट करने का एक गंभीर मामला सामने आया है। घायल शिक्षक को उचित चिकित्सा के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिक्षक ने दावा किया है कि जब वह स्कूल से घर लौट रहे थे, तब अचानक कुछ कार सवार युवकों ने उन्हें घेर लिया और उन पर लाठियों और तेज धार हथियारों से हमला किया। यह घटना न केवल भयावह है बल्कि इसमें आरोपी ने न केवल शारीरिक नुकसान पहुँचाया बल्कि शिक्षक का पर्स और नकदी भी लूट ली। अब शिक्षक इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं।

अध्यापक बलविंदर कुमार, जो चक बनवाला का निवासी हैं और कमालवाला के सरकारी सीनियर सेकेंड्री स्कूल में मैथ पढ़ाते हैं, ने अस्पताल में अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने बताया कि वह स्कूल से लौटते समय अचानक कार में सवार युवकों ने उन्हें घेर लिया और उन पर बुरी तरह से हमला कर दिया। इस मारपीट में बलविंदर को गंभीर चोटें आईं हैं, जिससे वह बेहोश भी हो गए थे। उनकी ये चोटें केवल शारीरिक नहीं हैं, बल्कि उनके मनोबल पर भी गहरा असर डालने वाली हैं।

शिक्षक बलविंदर का कहना है कि आरोपी युवकों ने न केवल उन पर हमला किया, बल्कि उनके पर्स में मौजूद लगभग 8 से 9000 रुपये और अन्य कागजात भी लूट लिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया, यह उन्हें समझ में नहीं आ रहा है। बलविंदर ने कहा कि उनकी किसी के साथ कोई पुरानी दुश्मनी या विवाद नहीं था, फिर भी इस प्रकार का हमला उनके लिए एक अप्रत्याशित घटना थी।

इस मामले पर जलालाबाद के डीएसपी जतिंदर सिंह गिल ने कहा है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी, लेकिन वह इस मामले की जांच के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क करेंगे। डीएसपी ने आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी आवश्यक कार्रवाई होगी, वह की जाएगी। इस प्रकार की घटनाएँ हमारे समाज में शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं, और इसलिए इसकी गहन जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों को रोका जा सके।

अध्यापक बलविंदर कुमार की इस घटनाक्रम से न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा पर खतरा है, बल्कि यह पूरे शैक्षणिक विभाग और समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है। ऐसे मामलों में तीव्र कार्रवाई करना जरूरी है ताकि शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत लोगों को एक सुरक्षित और सुरक्षात्मक वातावरण मिल सके। इस प्रकार की घटनाएं न केवल पीड़ित के लिए एक तनावपूर्ण स्थिती उत्पन्न करती हैं, बल्कि यह संपूर्ण समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी पैदा करती हैं।