पंजाब के जालंधर शहर में नगर निगम की बिल्डिंग शाखा ने देर रात को गुलमोहर कॉलोनी में अवैध रूप से बनाए गए दुकानों को सील करने की शुरुआत की। यह कार्रवाई नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन के निर्देशों पर की गई। अधिकारियों ने पहले ही संबंधित बिल्डिंग मालिकों को नोटिस जारी किए थे, किन्तु इसके बावजूद निर्माण कार्य जारी रहा, जो कि स्पष्ट रूप से कानून का उल्लंघन है।
बिल्डिंग विभाग के सहायक टाउन प्लानर (एटीपी) सुखदेव वशिष्ठ ने कहा कि सील की गई चारों दुकानें पूरी तरह से अवैध थीं। उन्होंने बताया कि इन दुकानों के मालिकों ने पहले ही कई बार नोटिस प्राप्त किए थे, लेकिन फिर भी उन्होंने निर्माण कार्य को जारी रखा। सुखदेव ने यह भी स्पष्ट किया कि इन बिल्डिंग मालिकों के पास नैतिकता या विधिक अनुमति, जिसे एनओसी कहा जाता है, नहीं थी, जो इस निर्माण कार्य को वैध मानती। जब यह मामला नगर निगम कमिश्नर गौतम जैन के ध्यान में आया, तो उन्होंने तुरंत इस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए।
देर रात की इस कार्रवाई के दौरान नगर निगम की टीम को स्थानीय लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा। हालांकि, अधिकारियों ने किसी की नहीं सुनी और कार्य को जारी रखा। उनके कानूनी अधिकारों का पालन करते हुए, उन्होंने अवैध निर्माण को सील कर दिया। इसमें सुरक्षा की दृष्टि से सिटी पुलिस की टीम भी उनके साथ मौजूद रही, ताकि किसी भी असामान्य परिस्थिति से निपटा जा सके।
इस स्थिति ने यह दर्शाया कि स्थानीय प्रशासन अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। नगर निगम के अधिकारियों ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसे अवैध निर्माण कार्यों पर अंकुश लगाना उनकी प्राथमिकता है। जालंधर नगर निगम उन सभी बिल्डिंग मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का कार्यक्रम तैयार कर रहा है, जो नियमों का पालन नहीं करते।
सभ्यता और कानूनी आदर्शों के अनुसार, शहर में अव्यवस्थित और अवैध निर्माण कार्यों को रोका जाना आवश्यक है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल समाज में अनुशासन बढ़ेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि सभी निर्माण कार्य उचित नियमों और प्रक्रियाओं के अंतर्गत हों। जालंधर नगर निगम का यह कदम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।