दुबई में पिछले दो वर्षों से फंसे एक पंजाबी युवक, अमरजीत गिल, अब अपने घर लौट आए हैं। यह राहत राज्यसभा सांसद संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से संभव हो पाई है, जिन्होंने युवक की वतन वापसी के लिए अथक मेहनत की। अमरजीत, जो जालंधर जिले के गांव खीवा का निवासी है, पिछले छह साल से दुबई में नौकरी कर रहा था, लेकिन वहां पर काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। उनके पिता बीरबल ने बताया कि अमरजीत का फोन एक मित्र द्वारा पुलिस अधिकारियों के साथ खराब तरीके से वार्तालाप किए जाने के कारण उसे दुबई में एक केस का सामना करना पड़ा, जिससे उसकी मुश्किलें बढ़ गईं।
दुर्भाग्यवश, इस केस के चलते अमरजीत को 15 दिन जेल में बिताना पड़ा और बार-बार भारत लौटने की कोशिशों में उसकी इमीग्रेशन क्लियरेंस ठप रही। परिवार ने कई बार अमरजीत के लिए टिकट बुक की, लेकिन मामला न सुलझने के कारण वे हर बार असफल रहे। यहां तक कि जिस कंपनी में वह काम कर रहा था, वह उसे भोजन भी उपलब्ध नहीं कराती थी। बीरबल ने बताया कि इस कठिनाई के बीच उन्होंने एक व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने उनसे बड़ी रकम वसूली, लेकिन उनके बेटे की वापसी नहीं कर सका।
परिवार ने जब सभी रास्ते बंद होते देखे, तो उन्होंने संत बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया। सांसद सीचेवाल ने तत्काल कार्यवाही की, और विदेश मंत्रालय एवं भारतीय दूतावास के सहयोग से अमरजीत की सुरक्षा के साथ वतन वापसी सुनिश्चित की। आखिरकार, 3 सितंबर 2024 को अमरजीत सुरक्षित घर लौट आया। इस घटना ने न केवल अमरजीत के परिवार को राहत दी, बल्कि इसे सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों के सामने लाया गया, ताकि अन्य युवाओं को विदेश जाने के बजाय स्वदेश में रहकर अपने भविष्य को संवारने का संदेश मिल सके।
इस मौके पर, अमरजीत के परिवार ने सांसद संत सीचेवाल का आभार व्यक्त किया और उनके योगदान को सराहा। उन्होंने दावा किया कि यदि ऐसी ही अधिक लोगों की मदद की जाती है, तो युवा वर्ग विदेश की चकाचौंध से प्रभावित होने के बजाय अपने देश में ही आगे बढ़ सकते हैं। यह कहानी न केवल एक युवक की वापसी का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद, सही मार्गदर्शन और समर्थन से समस्या का समाधान संभव है।
इस अनुभव ने सभी को यह भी सिखाया कि कभी-कभी अपने ही देश में रहकर भी संभावनाएं खोजी जा सकती हैं। संत सीचेवाल ने अपने कार्यों से यह साबित किया है कि सच्चे इरादे और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।