गोल्डन टेंपल बंदी छोड़ दिवस पर जगमग, बाजारों की चमक देर रात तक!

इस बार दिवाली की तारीख को लेकर काफी भ्रम बना हुआ है। हालांकि, इस कन्फ्यूजन के बीच बाजारों में हर तरफ रौनक देखने को मिल रही है। खासकर अमृतसर में दो प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों पर 1 नवंबर को दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा। यहां गोल्डन टेम्पल में जहां भगवान श्रीराम के 14 साल बाद अयोध्या लौटने की खुशियों में दीपावली का आयोजन किया जाएगा, वहीं श्री गुरु हरगोबिंद जी के द्वारा 52 राजाओं को जहांगीर की कैद से मुक्त कराने के उपलक्ष्य में ‘बंदी छोड़ दिवस’ का भी आयोजन किया जाएगा।

श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इस बार केवल घी के दीपक जलाने का आदेश दिया गया है। जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने 1 नवंबर 1984 के सिख नरसंहार की 40वीं बरसी के मद्देनजर इस खास दिन को मनाने का विशेष निर्देश दिया है। उन्होंने सिख समुदाय से अपील की है कि वे दीवाली के मौके पर केवल घी के दीप जलाएं और बिजली की सजावट से दूर रहें। यह निर्देश समुदाय के लिए आध्यात्मिक मूल्य और समर्पण का प्रतीक है, जो इस दिन को और भी खास बनाएगा।

बाजारों की रौनक लौटने की बात करें, तो पिछले छह महीने से सुनसान पड़े अमृतसर के बाजारों में 1 नवंबर के प्रतीक्षा के चलते ग्राहक दिखाई दे रहे हैं। धनतेरस पर 29 अक्टूबर से शुरू होकर 30 अक्टूबर के दिन भी खरीदारी का सिलसिला जारी है। रात के दो बजे तक लोग बाजारों में घूमते हुए देखे गए। अमृतसर के हाल बाजार में भी देर रात तक खरीदारी की रौनक बनी रही, जिससे दुकानदारों के चेहरे खिले हुए थे।

दिवाली का पर्व सिर्फ एक दिन की ही बात नहीं है। हालांकि, अयोध्या में 1 नवंबर को दीपावली मनाई जा रही है, लेकिन कई लोग रात की धार्मिक परंपरा के अनुसार आज रात घर पर पूजा करेंगे। दूसरी ओर, व्यापारी सुबह अपनी दुकानों में मां लक्ष्मी की पूजा करेंगे। ऐसे में इस त्योहार की धूम और भी बढ़ गई है।

साथ ही, इस मौके पर राजनीतिक नेताओं ने भी दीपावली के शुभ अवसर को मनाया। सांसद गुरजीत सिंह औजला और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के चेयरमैन दिनेश बस्सी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी। इस तरह, इस बार दिवाली न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह व्यापार और सामाजिक मेलजोल का भी महत्वपूर्ण अवसर बन गया है।

इस प्रकार, दिवाली ने न केवल लोगों के मन में उत्साह भरा है, बल्कि बाजारों में हलचल भी बढ़ा दी है, जो कि त्योहार की जीवंतता को दर्शाती है।