पंजाब के बरनाला में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) डकौंदा द्वारा आयोजित एक जिला स्तरीय बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में संगठन ने घोषणा की कि वह बरनाला विधानसभा के उप चुनाव के संदर्भ में 3 नवंबर को आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ एक विशाल रैली और मार्च आयोजित करेगा। इस बैठक में बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह धनेर और महासचिव साहिब सिंह बड़बर ने कहा कि पंजाब में भू-माफिया किसानों की जमीनों पर कब्जा करने के प्रयास कर रहा है, और इसके पीछे राज्य सरकार का समर्थन है।
संगठन के नेताओं ने यह भी जानकारी दी कि मानसा जिले के कुल्लरियां गांव में किसानों की भूमि के मामले में सिविल और पुलिस प्रशासन ने यह स्वीकार किया है कि प्रशासनिक स्तर पर किसानों की जमीनें छीनी जा रही हैं। बावजूद इसके, किसानों को उनकी ज़मीनें लौटाने में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। संगठन ने पिछले डेढ़ साल से इस मुद्दे के खिलाफ धरना प्रदर्शन जारी रखा है, लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार के नेता भू-माफियाओं के प्रति नकेल कसने के बजाय उनकी मदद कर रहे हैं।
बीकेयू डकौंदा के नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि उनकी बढ़ती नाराजगी के चलते रैली और मार्च का आयोजन अनिवार्य हो गया है। उनका कहना है कि सरकार और प्रशासन की यह अनदेखी किसानों के हितों के खिलाफ है और किसानों के आंदोलन को दिशा देने की आवश्यकता है। इस रैली में हजारों किसानों के शामिल होने की उम्मीद है, जो अपनी समस्याओं की आवाज उठाने के लिए एकत्रित होंगे।
बीकेयू डकौंदा ने यह दावा किया है कि पिछले एक वर्ष से उनके संगठन द्वारा धरना देने के बावजूद प्रशासन कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं है। इसके चलते किसानों में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश व्याप्त है। संगठन का उद्देश्य इस रैली के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करना और किसानों की समस्याओं का समाधान करवाना है।
रैली की योजना बताते हुए नेताओं ने कहा कि यह एक बड़ा मंच होगा, जहां किसान अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होंगे। उन्होंने इस आयोजन को एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया और सभी किसानों को इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की। आगामी 3 नवंबर को होने जा रही रैली पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत दे सकती है, जिससे सरकार को किसानों की आवाज सुनने पर मजबूर होना पड़ेगा।