अबोहर में टोल फ्री, भारतीय किसान यूनियन की MSP पर खरीदी की मांग, आंदोलन तेज़ होगा!

अबोहर में भारतीय किसान यूनियन एकता उग्राहा बलाक ने आज एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गिदडांवाली टोल प्लाजा को मुफ्त कर दिया है। यह टोल प्लाजा श्रीगंग नगर रोड पर स्थित है और किसानों ने यह निर्णय अपनी मांगों को लेकर किया है। किसानों का मुख्य उद्देश्य पंजाब और केंद्र सरकार से आग्रह करना है कि मंडियों में पड़ी फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाए। इस कदम का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है।

किसानों ने विशेष रूप से पीनार 126 और पूसा 144 धान की फसल के कम उत्पादन से संबंधित मुद्दों को उठाया है। उनका कहना है कि सरकार को इन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मिलने वाले दाम की पूर्ति करनी चाहिए। इसके साथ ही, किसानों की दूसरी मांगें भी हैं, जैसे धान की नमी की सीमा को कम से कम 22% पर लाना और पराली के उचित निपटारे के लिए किसानों को 200 रुपये प्रति क्विंटल का मुआवजा देना। किसानों के अनुसार, यह मानकों के अनुसार उनके उत्पादन को दृष्टिगत रखते हुए महत्वपूर्ण है।

बीते दिनों, किसानों ने टोल नाकों को निशुल्क करने का यह अभियान पूरे राज्य में चलाया। उन्होंने निर्णय लिया है कि 18 अक्टूबर को वे अपने इस आंदोलन को और तेज करेंगे। आज आयोजित धरने में किसान नेता तथा कई किसान नेता उपस्थित रहे, जिनमें जिला प्रधान गुरभेज सिंह रोहीवाला, जिला नेता जगसीर सिंह, और अन्य prominent किसान नेता शामिल थे। इस धरने का मुख्य उद्देश्य उनकी मांगों को सरकार के समकक्ष लाना और उन्हें जल्द से जल्द स्वीकार करवाना है।

इस आंदोलन का नेतृत्व करते हुए गुरभेज सिंह रोहीवाला ने बताया कि किसानों की यह एकजुटता यह दर्शाती है कि वे अपने हक के लिए लड़ेंगे। गिदडांवाली टोल प्लाजा को अनिश्चितकाल के लिए मुफ्त करने का निर्णय अबोहर के किसानों की एकजुटता और साहस को दर्शाता है। इस मौके पर अन्य नेताओं ने भी अपने विचार रखे और कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को तथ्यात्मक रूप से नहीं सुना, तो यह आंदोलन आगे बढ़ता रहेगा।

किसानों का यह आंदोलन केवल कृषि के क्षेत्र में समस्याओं को हल करने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह पूरे कृषि समुदाय के लिए एक मिसाल भी बन सकता है। उनके प्रयासों का उद्देश्य न केवल अपनी समस्याओं का समाधान निकालना है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सशक्त और न्यायपूर्ण कृषि व्यवस्था की स्थापना करना भी है। किसान संगठन की इस पड़ताल से स्पष्ट होता है कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान समय पर नहीं किया गया, तो वे आगे भी आवाज उठाते रहेंगे।