लॉरेंस गैंग के 700 शूटर: ज्यादातर हरियाणा-पंजाब के युवा, जेल से रिक्रूटमेंट!

गैंगस्टर लॉरेंस ने एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में अपनी जगह बनाई है। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, लॉरेंस गैंग के लिए लगभग 700 से अधिक शार्प शूटर सक्रिय हैं। इनमें से करीब 70 प्रतिशत शूटर पंजाब और हरियाणा से हैं, जबकि बाकी 30% शूटर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मुंबई, दिल्ली और अन्य राज्यों से आते हैं। लॉरेंस गैंग का नेटवर्क पंजाबी और हरियाणवी क्षेत्रों में बहुत मजबूत है, जहां लॉरेंस के छात्र राजनीति में जुड़े हुए कई नेताओं के साथ गहरे रिश्ते हैं। यह भी देखा गया है कि हरियाणा में काला जठेड़ी और अनिल रोहिल जैसे प्रमुख गैंग हैंडलर सक्रिय हैं।

पंजाब में लॉरेंस गैंग की पहचान गोल्डी बराड़, विक्रम बराड़, और अनमोल बिश्नोई जैसे कुख्यात गैंगस्टरों के माध्यम से होती है। इन गैंगस्टरों के साथी जेलों में बंद हैं और वे नए शूटरों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। दैनिक भास्कर की जांच में पाया गया है कि अधिकांश शूटरों ने लॉरेंस गैंग के बड़े नामों से जेल में मुलाकात की और यहीं से उनकी आपराधिक सफर की शुरुआत हुई। नाबालिग अपराधों के बाद जेल में जाते ही इनकी पहचान लॉरेंस गैंग के अन्य सदस्यों के साथ हुई, जिससे वे गैंग में शामिल हो गए।

विभिन्न हत्याकांडों की जानकारी से पता चलता है कि गैंगस्टर्स को किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए पैसे और हथियार के साथ टारगेट दिया जाता है। लॉरेंस गैंग के कुछ हाई-प्रोफाइल हत्याकांडों में हाल ही में हुई पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या, राजस्थान में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या, और मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या शामिल हैं।

एक विशेष ऐप, सिग्नल का उपयोग, लॉरेंस और उसके गुर्गे खास तौर पर करते हैं। यह ऐप उनकी गतिविधियों को गोपनीय रखने में मदद करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरमेल, एक शूटर ने बाबा सिद्दीकी की हत्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने स्वीकार किया कि जेल में रहते हुए लॉरेंस गैंग के अन्य सदस्यों से उसकी पहचान हुई। इसी तरह, जीशान बोर्ड ने हत्या की योजना बनाई और बाबा सिद्दीकी की हत्या में उसका नाम सामने आया।

लॉरेंस गैंग के सदस्यों की भूमिका विभिन्न हाई-प्रोफाइल हत्याओं में स्पष्ट रूप से देखी जा रही है। प्रियव्रत फौजी, जिसका संबंध मूसेवाला हत्याकांड से है, और अंकित सिरसा जैसे युवा अपराधी अब गैंग की प्रमुख भूमिकाओं में हैं। उनकी गतिविधियों की जांच में पता हो रहा है कि जेल के भीतर ही उनकी पहचान लॉरेंस गैंग के सदस्यों से हुई और इसके बाद उनकी आपराधिक गतिविधियाँ तेज हो गईं।

इस प्रकार, गैंगस्टर लॉरेंस और उसके गुर्गों के बीच बढ़ते संबंध और आपराधिक गतिविधियाँ न केवल पंजाब और हरियाणा तक सीमित हैं बल्कि पूरे देश में अपराध की एक नई लहर को जन्म दे रहे हैं। पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए यह एक चुनौती बन गया है कि वे इस नेटवर्क को खत्म कर सकें।