पंजाब के फिरोजपुर जिले के जीरा में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के नेता हिंसक झड़प में उलझ गए। यह झड़प तब हुई जब दोनों पक्षों के समर्थकों ने एक-दूसरे पर ईंट-पत्थर और गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस घटनाक्रम में पूर्व कांग्रेस विधायक और जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह जीरा गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका एक ऐसा फोटो भी सामने आया है जिसमें उनके चेहरे से खून बहता नजर आ रहा है। इस घटना के चलते जीरा के समर्थक भड़क उठे हैं। फिलहाल, जीरा के क्लार्क टावर पर तनावपूर्ण स्थिति मण की गई है, जिसके चलते फिरोजपुर से अतिरिक्त पुलिस बल भी मंगवाया गया है।
घटना के समय क्षेत्र में भारी पुलिस तैनात थी और फिरोजपुर पुलिस के उच्च अधिकारी भी मौजूद थे। हालात को नियंत्रित करने में पुलिस को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बाद में स्थिति को सँभालने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की। कुलबीर सिंह जीरा ने आरोप लगाया कि उनके 30 से अधिक समर्थक इस घटनाक्रम के दौरान घायल हुए हैं, जिन्हें अलग-अलग वाहनों से अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय विधायक और उनके समर्थक सत्ता की धौंस देकर गुंडागर्दी कर रहे हैं, और कांग्रेस के प्रत्याशियों को आवश्यक दस्तावेज भी पर्याप्त रूप से नहीं दिए जा रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने घटना की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह सब पुलिस की देखरेख में हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि एक डीएसपी रैंक का अधिकारी पत्थरों की ट्रॉली को घटनास्थल पर ले आया था। वड़िंग ने कहा कि उनके कार्यकर्ताओं पर पथराव किया गया और सीधे गोलीबारी की गई, और इस सभी चीजों का संचालन पुलिस अधिकारियों की निगरानी में हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि भविष्य में इसका जवाब जरूर दिया जाएगा और इस मामले में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
पुलिस और प्रशासन के इस अत्यंत अशांत माहौल पर वड़िंग ने अपने समर्थकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह जीरा के नागरिकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि अब स्थिति पर कोई भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यकर्ताओं के खिलाफ जो भी कार्रवाई की जाएगी, वह निश्चित रूप से न्याय की प्राप्ति के लिए होगी। कुल मिलाकर, जीरा का यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय राजनीति को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यह राज्य में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बढ़ती राजनीतिक तनातनी की एक और मिसाल भी है।