कल फ्री होंगे पंजाब के सभी टोल प्लाजा, BKU उगराहां का बड़ा ऐलान!

पंजाब के किसानों ने 17 अक्टूबर को सभी टोल प्लाजा को मुक्त कराने का निर्णय लिया है। इसके बाद 18 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के निवास स्थानों के बाहर स्थायी धरना देने की योजना बनाई गई है। इस प्रदर्शन का प्रमुख उद्देश्य भाजपा के नेताओं जैसे अरविंद खन्ना और परनीत कौर, साथ ही आम आदमी पार्टी के मंत्रियों और विधायकों के घरों के सामने मुखर होकर अपने मुद्दों को उठाना है। यह निर्णय भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां द्वारा लिया गया है और इसका मुख्य कारण धान की खरीद को लेकर चल रहा आंदोलन है। किसान संगठन यह मांग कर रहे हैं कि धान की खरीद की प्रक्रिया को सही तरीके से और नियमित रूप से किया जाए।

किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां और महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि संगठन की 5 सदस्यीय नेतृत्व टीम द्वारा यह फैसले लिए गए हैं। किसान नेताओं ने स्पष्ट किया है कि यह प्रदर्शन केंद्र सरकार और पंजाब सरकार दोनों के खिलाफ होगा। उनके मुताबिक, ये धरने और मार्च दिन-रात निरंतर जारी रहेंगे, ताकि किसानों की समस्याओं को सही मायनों में उठाया जा सके। किसानों की कई महत्वपूर्ण मांगें हैं, जिनमें एमएसपी पर धान की खरीद को नियमित रूप से शुरू करने की मांग शामिल है। इसके अतिरिक्त, इस आंदोलन में कई अन्य मुद्दों को भी उठाया जाएगा, जिन पर केंद्र और राज्य की सरकारें उचित ध्यान नहीं दे रही हैं।

किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार पर किसानों की उचित मांगों के प्रति अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि यह अनदेखी कॉर्पोरेट समर्थक विश्व व्यापार संगठन की खुली बाजार नीति के खिलाफ है, जिससे साधारण किसान और श्रमिक वर्ग प्रभावित हो रहा है। उन्होंने किसानों और मजदूरों से अपील की है कि वे एकजुट होकर इस संघर्ष में हिस्सा लें और अपनी आवाज को बुलंद करें। वे चाहते हैं कि सभी ग्रामीण समुदाय के लोग इस आंदोलन का समर्थन करें और सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों।

किसानों का यह आंदोलन, जिसे भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के नेतृत्व में संचालित किया जा रहा है, साफ-साफ दर्शाता है कि मौजूदा सरकारें किसानों की समस्याओं को क्यों नजरअंदाज कर रही हैं। इस संघर्ष का मुख्य उद्देश्य किसानों की बातों को सही तरीके से उठाना और उन्हें उनके अधिकार दिलाना है। अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और भी तेज हो सकता है। इसके लिए किसान पूरे देश में अपनी आवाज उठाने की जोरदार तैयारी कर रहे हैं, जिसमें केवल पंजाब के किसान ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों को शामिल किया जाएगा ताकि साझा आवाज के माध्यम से अपनी मांगों को पूरी ताकत से उठाया जा सके।