मनी लॉन्ड्रिंग: टेंडर घोटाले में आशु की जमानत रद्द!

जालंधर: मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक टेंडर घोटाले के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को बुधवार को विशेष न्यायालय में सुनवाई का सामना करना पड़ा। यह सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डीपी सिंगला की अदालत में हुई, जहां उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया। अब आशु अगली कार्रवाई के रूप में उच्च न्यायालय में जमानत के लिए आवेदन करेंगे।

इस मामले में भारत भूषण आशु को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अगस्त को उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों के कई गंभीर आरोप हैं, जिसके चलते उन्हें न्यायिक हिरासत में रखा गया है। आशु की गिरफ्तारी ने राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है और इसने टेंडर संबंधी कार्यों में पारदर्शिता के मुद्दे को भी उजागर किया है।

आशु के वकील ने अदालत में उनकी जमानत याचिका प्रस्तुत करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसा दिया गया है। लेकिन न्यायालय ने इस दावे को स्वीकार नहीं किया और जमानत की मांग अस्वीकार कर दी। अदालत का मानना था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता।

इस घटनाक्रम पर उनकी पार्टी और समर्थकों की प्रतिक्रिया भी मिली है। कई नेता आशु के समर्थन में मीडिया के सामने आए हैं और उनका कहना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। हालांकि, ईडी का दावा है कि उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज और सबूत हैं, जो भारत भूषण आशु की संलिप्तता को प्रमाणित करते हैं।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या उच्च न्यायालय उनकी जमानत याचिका को स्वीकार करेगा या नहीं, और इस मामले की आगे की दिशा क्या होगी। यह मामला न केवल भारत भूषण आशु के लिए बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।