अबोहर के सरकारी अस्पताल में एक अजीबोगरीब घटना ने सबको चौंका दिया है जब बीएसएफ के जवान नितिन ने बीती रात अस्पताल में जमकर उत्पात मचाया। नितिन, जो कि प्लेटलेट्स की कमी के चलते तीन दिन पहले सिविल अस्पताल में भर्ती हुआ था, ने अस्पताल के कमरों के दरवाजे तोड़ने के साथ-साथ दो बार छत से कूदकर भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। यह घटनाएं वैसी थीं जो आसानी से किसी की समझ में नहीं आ रहीं थीं, और इस कारण अस्पताल में अफरातफरी का माहौल बन गया।
कल रात नितिन ने वार्ड की दूसरी मंजिल से कूदने की कोशिश की, लेकिन वह सुरक्षित रहा। इसके बाद उसने मोर्चरी रूम की छत पर चढ़कर भी फिर से कूदने की कोशिश की। इतना ही नहीं, उसने अस्पताल के ओपीडी वार्ड की सीढ़ियों के दरवाजे को लात मारकर तोड़ डाला और एसएमओ के कमरे का दरवाजा भी तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस दौरान अस्पताल का स्टाफ हड़बड़ाहट में उसे काबू में करने की कोशिश करता रहा, लेकिन उसकी हिंसक हरकतें लगातार जारी रहीं।
अस्पताल की अतिरिक्त एसएमओ डॉ. दीक्षि बब्बर ने बताया कि इस उत्पात की सूचना तुरंत ही सिटी वन पुलिस को दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और बीएसएफ के अधिकारियों को तुरंत सूचित कर दिया गया। डॉ. बब्बर ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए और अस्पताल को हुए नुकसान की भरपाई जवान से कराई जाए।
बीएसएफ के अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए अस्पताल पहुंच गए। उन्होंने बताया कि नितिन मानसिक रूप से परेशान है और उसका उपचार चल रहा है। ऐसे में उसकी इस प्रकार की हरकतें उसकी मानसिक स्थिति का परिणाम हो सकती हैं। थाना प्रभारी मनिंदर सिंह ने बताया कि मामले की विस्तृत जांच के लिए एएसआई भूपेंदर सिंह को नियुक्त किया गया है, और जाँच के परिणाम के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला न केवल अस्पताल स्टाफ के लिए बल्कि वहां मौजूद अन्य मरीजों के लिए भी एक डरावना अनुभव था। अस्पताल में इस प्रकार के उत्पात ने यह सवाल उठाया है कि क्या मानसिक स्वास्थ्य के मरीजों की देखभाल और उनके उपचार के दौरान सही दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। वहीं, सभी संबंधित अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लेने और आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।