गोल्डन टेंपल में 34 वर्षीय महिला का सुसाइड: 7वीं मंजिल से कूदी, पुलिस जांच में जुटी

पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर परिसर के बाबा अटल राय जी गुरुद्वारे की 7वीं मंजिल से एक महिला ने आत्महत्या के उद्देश्य से छलांग लगा दी। नई जानकारी के अनुसार, यह घटना सुबह लगभग 9.30 बजे हुई, जब महिला ने गुरुद्वारे में माथा टेकने के लिए आने का निर्णय लिया था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसने माथा टेका या नहीं, लेकिन कुछ समय बाद वह सीधे 7वीं मंजिल पर चली गई। वहां से कूदने के बाद महिला गंभीर रूप से घायल हो गई और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

महिला की उम्र लगभग 34 वर्ष बताई जा रही है और उसका नाम संयोगिता कपूर है। वह स्वर्ण मंदिर के निकट ही रहती थी। घटना के समय महिला के परिवार ने उसका पता लगाने के लिए स्वर्ण मंदिर का रुख किया, तभी उन्हें उसकी दुखद मौत की खबर मिली। संयोगिता के संबंधियों का आरोप है कि घरेलू विवादों के चलते वह ससुराल में मानसिक तनाव का सामना कर रही थी और यह भी दावा किया गया है कि उसे धक्का देकर नीचे फेंका गया। इसके अलावा, परिवार ने कहा है कि उसके पति का जीजा, जो एक कांग्रेस नेता है, उसे जान से मारने की धमकियां देता था।

महिला की मौत की सूचना मिलने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पुलिस को जानकारी दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और उसकी पहचान की प्रक्रिया शुरू की। महिला के बारे में अधिक जानकारी इकट्ठा करने के लिए सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की आवश्यकता भी जताई गई। अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि महिला अकेली थी या उसके साथ कोई और था।

परिवार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक उनकी शिकायत के अनुसार आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती, वे संयोगिता के शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है, जिसके बाद इसे पहचान के लिए शवगृह में रखा जाएगा। इस मामले में आगे की तफ्तीश जारी है, जिससे सही जानकारी तथा सभी पहलुओं की जांच की जा सके।

इस घटना ने स्वर्ण मंदिर के आंतरिक सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं। जहां एक ओर यह स्थान धार्मिक श्रद्धा का केंद्र है, वहीं दूसरी ओर ऐसी दुखद घटनाओं ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के प्रति गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है। पुलिस और प्रबंधक कमेटी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरी तरह से जांच करने की पुष्टि की है ताकि भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।