लेमन ग्रास फसल की कटाई न होने से बंजर हो रहे खेत, किसान परेशान
खूंटी, 21 नवंबर (हि.स.)। ग्रामीण विकास विभाग की कार्यकारी एजेंसी झारखंड राज्य आजीविका संवर्धन संस्था(जेएसएलपीएस) वैसे तो किसानों और अन्य जरूरतमंदों को रोजगार से जोड़ने का दावा करता रहता है, पर इसका कितना लाभ लोगों को मिल रहा है, इसे देखने वाला कोई नहीं है। फसल की कटाई न होने से जहां किसानों को सिर्फ हानि हो रहा है, वहीं उनके खेत भी बंजर हो रहे हैं।
गौरतलब है कि जेएसएलपीएस की ओर से खूंटी जिले में किसानों को प्रोत्साहित कर बड़े पैमाने पर लेमन ग्रास की खेती कराई जाती है, पर जब फसल तैयार हो जाती है, तो जेएसएलपीएस इसकी कोई व्यवस्था नहीं करता। किसानों से कहा जाता है कि हाथों से लेमन ग्रास की कटाई करें। जबकि किसानों का कहना है कि लेमन ग्रास की कटाई हंसुए से नहीं हो सकती। हाथों से फसल की कटाई करने पर किसानों के हाथ कट जाते हैं। संस्था द्वारा कटाई के लिए कोई मशीन उपलब्ध नहीं कराई जाती।
खूंटी के प्रगतिशील किसान और और खूंटी प्रखंड के पूर्व उप प्रमुख जितेंद्र कश्यप बताते हैं कि जेएसएलपीएस कें कहने पर उन्होंने दो एकड़ खेत में लेमन ग्रास की खेती की है। लेमन ग्रास की खेती किये हुए चार वर्ष गुजर गये, लेकिन अब तक एक बार भी फसल की कटाई नहीं हुई है, जबकि लेमन ग्रास की फसल एक वर्ष में ही तैयार हो जाती है। अब तक चार बार इसकी कटाई हो जानी चाहिए पर एक बार भी कटाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि लेमन ग्रास को हाथों काटना काफी मुश्किल है।
कश्यप ने कहा कि फसल की कटाई में विभाग द्वारा कोई सहयोग नहीं किया जाता। फसल काटने के लिए मशीन उपलब्ध नहीं कराई जाती। मजदूर से हसुआ के सहारे इसे काटना असंभव है। लेमन ग्रास से हाथ कट जाते हैं।
पूर्व उप प्रमुख ने कहा कि लेमन ग्रास से तेल निकालने में भी जेएसएलपीएस द्वारा किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जाता। इसको लेकर उन्होंने जेएसएलपीएस के अधिकारियों से मुलाकात की, पर कोई पहल नहीं हुई।
जितेंद्र कश्यप ने कहा कि चार वर्ष से उनका खेत बंजर हो रहा है। उन्होंने कहा कि कमोवेश यही स्थिति लेमन ग्रास की खेती करने वाले अन्य किसानों की है।उन्होंने कहा कि दो वर्ष तक लेमन ग्रास की कटाई नहीं होने से उसमें फूल आ जाते हैं और वह फसल अनुपयोगी हो जाती है। उन्होंने कहा लेमन ग्रास की खेती कर किसान पछता रहे हैं। इस मामले को लेकर खूंटी के किसान जल्द ही उपायुक्त से मिलेंगे और उन्हें समस्याओं से अवगत करायेंगे।
इस संबंध में जेएसएलपीएस का पक्ष जानने के लिए वहां के डीपीएम से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्हांने फोन नहीं उठाया।
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