भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए वेद-वेदांत की शिक्षा जरूरी : राज्यपाल 

भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए वेद-वेदांत की शिक्षा जरूरी : राज्यपाल 

– प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प विकसित भारत के लिए राज्यपाल ने विद्यार्थियाें काे दिए पांच मंत्र

– शैक्षणिक सत्र 2022-23 के स्नातक एवं परास्नातक के 21230 विद्यार्थियों को उपाधि से नवाजा

देहरादून, 19 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने कहा कि समृद्ध भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए गतिशक्ति से आगे बढ़ना होगा। इसके लिए वेद-वेदांत की शिक्षा देनी होगी, तभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प विकसित भारत बनाने का सपना पूरा होगा। इसके लिए राज्यपाल ने विद्यार्थियाें काे पांच मंत्र दिए। उन्हाेंने कहा कि पहला मंत्र यह है कि बड़े बनने का सपना देखना चाहिए। आप सपना नहीं देखेंगे तो आपकी ऊर्जा जाग नहीं पाएगी। दूसरा- अपने अंदर सेल्फ कंट्रोल होना चाहिए। तीसरा- आपके अंदर अनुशासन होना चाहिए। चाैथा- जीवन में लग्न होनी चाहिए और पांचवां- अपने अंदर कुछ भी करने के लिए विश्वास होना चाहिए।

श्रीदेवसुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के पं. ललित मोहन शर्मा परिसर ऋषिकेश में मंगलवार काे आयाेजित पंचम दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के पारंपरिक एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के स्नातक व परास्नातक के कुल 21 हजार 230 विद्यार्थियों को उपाधि से नवाजा। इसमें स्नातक स्तर पर कुल 17 हजार 827 छात्र-छात्राएं व स्नातकोत्तर स्तर पर 3403 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। स्नातक एवं परास्नातक कक्षाओं में उच्चतम अंक पाने वाले 81 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से अलंकृत किया गया। इसमें 18 छात्र एवं 63 छात्राएं शामिल हैं। साथ ही स्नातक स्तर पर कला, विज्ञान एवं वाणिज्य तीनों संकायों में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियाें को ‘श्रीदेव सुमन गोल्ड मेडल’ से अलंकृत किया गया। परास्नातक स्तर पर तीन विषयों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ‘कैप्टेन शूरवीर सिंह पंवार पदक’ एवं स्नातक स्तर पर वाणिज्य संकाय में सर्वोच्च अंक पाने वाले विद्यार्थियों को ‘स्व. श्रीनंदराम पुरोहित स्वर्ण पदक’ से अलंकृत किया गया।

ग्रीन विद्यालय और उच्च शिक्षा की ओर बढ़े कदम

अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ. धन‌ सिंह रावत ने कहा कि अब हम ग्रीन विद्यालय की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री माेदी की मंशानुसार उच्च शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड सरकार ने फैसला किया है कि प्रत्येक विश्वविद्यालय एक प्राइमरी स्कूल और पांच गांव को गोद लेंगे, जिससे बच्चे लोकल से वोकल की ओर बढ़ सकें। सरकार कालेज को नशामुुक्त एवं तंबाकू मुक्त किए जाने के साथ सभी विद्यालय में ‌पाैधराेपण भी करेगी। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल विशिष्ट अतिथि थे।

विश्वविद्यालय की गिनाई उपलब्धियां, पांच गांव लिए गोद

विश्वविद्यालय के कुलपति एनके जोशी ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की तमाम उपलब्धियां गिनाई। उन्हाेंने बताया कि टिहरी जनपद में पांच गांव भी विश्वविद्यालय ने गोद लिए हैं। वर्तमान में विश्वविद्यालय में विभिन्न निर्माण कार्य प्रगति पर है। मुख्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार, पार्किंग विद रूम का निर्माण कार्य, प्री-फेब्रिकेटेड हॉल का निर्माण व एक प्री-फेब्रिकेटेड कक्ष का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। ऋषिकेश परिसर के सभागार के नवीनीकरण का कार्य एवं एआई लैब का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा पर फोकस

कुलपति ने कहा कि श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय बादशाहीथौल टिहरी गढ़वाल मुख्यालय में सत्र 2023-24 से रोजगारपरक पाट्यक्रमों का संचालन हो रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत गुणवत्तापरक शिक्षा पर विश्वविद्यालय ने फोकस किया है और नए-नए शोध कार्य पर भी फोकस है। विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर में उत्तराखंड सरकार के सहयाेग से देवभूमि उद्यमिता केंद्र की स्थापना की गई है। इसके तहत 20 बूट कैंप के आयोजन करने की योजना है। साथ ही उत्कृष्टता केंद्रों की भी स्थापना की गई है। इनमें भारतीय ज्ञान परंपरा उत्कृष्टता केंद्र, अनुसंधान एवं विकास उत्कृष्टता केंद्र के अलावा आपदा प्रबंधन केंद्र, फैकल्टी डेवलपमेंट सेंटर, इनोवेशन-इनक्यूवेशन सेंटर, स्टार्टअप सेंटर शामिल है। इन केंद्रों में विभिन्न शोध परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। यूपीएससी प्राेजेक्ट के जरिए विद्यार्थियों के लिए संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए निःशुल्क ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है।

इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की प्रदेश अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, नगर निगम की पूर्व महापौर अनिता ममगांई, देवेंद्र भसीन, दिनेश चंदोला, निदेशक प्रोफेसर एस रावत, डॉ. अशोक कुमार मंदोला, प्रो. जीके ढींगरा आदि उपस्थित थे।