फाजिल्का के साइबर क्राइम थाने ने एक युवक से ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के बहाने करीब 60 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में गुजरात से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई तब हुई जब पुलिस ने पहले आरोपी यशपाल को 27 अक्टूबर को पकड़ा। उसकी गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में यह पता चला कि इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता अंकित रावल है, जिसे भी गुजरात से हिरासत में लिया गया है। इस दौरान पुलिस को अंकित के पास से 15 लाख 50 हजार रुपए तथा 5 लाख 50 हजार रुपए की राशि को फ्रीज करने में सफलता मिली है।
डीएसपी इन्वेस्टिगेशन बलकार सिंह ने बताया कि फाजिल्का साइबर क्राइम थाने ने इस ठगी की विस्तृत जांच की और पाया कि अंकित रावल ने एक जाली साइट बनाकर अबोहर के एक निवासी को बड़े पैमाने पर ठगी का शिकार बनाया था। पहले आरोपी यशपाल ने बताया कि उसने अपने दोस्त अंकित के साथ मिलकर इस धंधे को अंजाम दिया था। यशपाल ने कई बार आधार कार्ड और पैन कार्ड देकर बैंक खाता खोला, जिसके बदले उसे हर महीने 10 हजार रुपए मिलते थे। लेकिन अब पुलिस ने जानकारी हासिल की है कि यशपाल के खाते में तकरीबन 3 करोड़ रुपए का लेनदेन हो चुका है।
इस मामले में सुशांत नागपाल नामक एक पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया कि उन्हें ट्रेडिंग में थोड़ी बहुत जानकारी थी और अप्रैल 2024 में यशपाल का फोन आया। यशपाल ने उसे बड़े मुनाफे का लालच देकर अपने दोस्तों से बात कराई। इसके चलते सुशांत ने एक फर्जी ब्रोकर साइट ‘सागर सुनेहा’ पर लगभग 60 लाख रुपये लगवा दिए। हालांकि कुछ समय बाद, ‘सागर भाई’ ने उसे सूचित किया कि उसे शेयर मार्केट में भारी नुकसान हुआ है और साइट बंद कर दी गई है।
इस पूरे मामले में पुलिस ने लगातार कार्रवाई की है और दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद रिमांड हासिल करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल जांच जारी है और पुलिस उन सभी संदिग्धों की पहचान कर रही है, जिनका इस धोखाधड़ी में हाथ हो सकता है। यह मामला न केवल लोगों को ठगी का शिकार बनाता है, बल्कि साइबर क्राइम में बढ़ती इस प्रवृत्ति के प्रति जागरूकता भी बढ़ाने की आवश्यकता को दर्शाता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे धोखेबाजों से सावधान रहें और किसी भी तरह के वित्तीय लेनदेन से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करें।