पंजाब के होशियारपुर जिले के निवासी प्रदीप कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में रहने वाले वारिश चौहान और सतबीर सिंह पर वीजा दिलाने के नाम पर 3 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत के मुताबिक, आरोपियों ने उन्हें विदेश भेजने का झांसा देकर यह राशि ली, लेकिन न तो उन्हें वीजा दिया गया और न ही फीस लौटाई गई। इसके बाद, पुलिस स्टेशन सितारा में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वारिश चौहान और सतबीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चंडीगढ़ के 17 थाने में इमिग्रेशन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आए दिन लोग वीजा और विदेश यात्रा से जुड़े ठगी की शिकायतें लेकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए आम नागरिकों को जागरूक करना बहुत जरूरी है। यदि समय रहते लोगों को सचेत किया जाए, तो वे ठगी के इस जाल में फंसने से बच सकते हैं।
इस धोखाधड़ी की जांच करने वाले एसआई सतीश कुमार ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई की जा रही है और उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भेजा गया है। इसके अतिरिक्त, पुलिस अन्य पीड़ितों को भी यह सलाह दे रही है कि यदि उन्होंने भी इस तरह की धोखाधड़ी का सामना किया है, तो तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं। जांच प्रक्रिया को तेज करने और अधिक गहराई से जांच करने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
थाना 17 की पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे वीजा या विदेश यात्रा से जुड़ी सेवाओं के लिए किसी भी एजेंट या संस्था पर आंख बंद करके भरोसा न करें। उन्हें केवल मान्यता प्राप्त और सरकारी एजेंसियों से सेवाएं लेने की सलाह दी जा रही है, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि दस्तावेजों की जांच करना अनिवार्य है। इससे नागरिक ठगी के मामलों से आसानी से बच सकते हैं और उन्हें सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा।
इस प्रकार के मामलों में जागरूकता और सतर्कता बेहद आवश्यक है। सभी नागरिकों को चाहिए कि वे जाने पहचाने और विश्वसनीय एजेंटों से ही संपर्क करें। इसके अलावा, उन्हें फेसबुक, व्हाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर मिले ऑफर से परहेज करना चाहिए, क्योंकि अक्सर ऐसे विज्ञापनों में धोखाधड़ी की संभावना रहती है। पुलिस की यह मुहिम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ेगी और लोग ठगी के मामलों से बच सकेंगे।