विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्तमान समय की जरूरत: राज्यपाल
-चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव-2024 का शुभारंभ
देहरादून, 20 नवंबर (हि.स.)। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी वर्तमान समय की जरूरत है और इसे स्वीकार किए बिना हमारी प्रगति और विकास संभव नहीं है। हमें प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना है तो विज्ञान और तकनीकी को स्वीकार करना और इसके साथ चलना जरूरी है।
बुधवार को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने चार दिवसीय पांचवां अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव-2024 का उद्घाटन किया। इस महोत्सव में 30 से अधिक तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के परिसर में विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों एवं वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी आधारित संस्थाओं ने नवाचार पर आधारित प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन किया।
राज्यपाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और छात्रों के प्रोजेक्ट्स की सराहना करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
राज्यपाल ने कहा कि समय के साथ जो तकनीकी परिवर्तन हो रहा है। उसी अनुसार अपने आपको डालना जरूरी है। स्कूली जीवन से ही छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित किया जाना चाहिए। इस दिशा में अंतरराष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महोत्सव एक मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि विकसित देशों के साथ प्रतिस्पर्धा में आगे हैं तो उसका आधार विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है। हमें नवाचार और शोध के साथ ही स्किल आधारित शिक्षा पर विशेष जोर देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि हमारे छात्र स्कूली जीवन से ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समृद्ध हों। राज्यपाल ने छात्रों का आह्वान किया कि आप सभी अपने अंदर वैज्ञानिक चेतना व नवाचारी सोच को विकसित करें और आप सभी विज्ञान और तकनीकी के ब्रांड एंबेसडर बनें।
इस अवसर पर उपस्थित तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने सभी को महोत्सव के सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी। महोत्सव में कुलपति तकनीकी विश्वविद्यालय प्रो.ओंकार सिंह, महानिदेशक यूकॉस्ट प्रो.दुर्गेश पंत, निदेशक यूसर्क प्रो. अनिता रावत, आयोजन सचिव कुंवर राज अस्थाना, विश्वविद्यालय के कुलसचिव सतेन्द्र सिंह सहित अनेक वैज्ञानिक, विज्ञान प्रेमी, विभिन्न संस्थानों के निदेशक गण, संकायों के विभागाध्यक्ष,शिक्षाविदों और स्कूल व कॉलेजों के छात्र-छात्राएं मौजूद थे।