खन्ना: दिवाली पर किडनैप हुए बच्चों की सुरक्षित वापसी, आरोपी गिरफ्त में!

खन्ना के थाना माछीवाड़ा साहिब क्षेत्र में स्थित गांव सिताबगढ़ में दिवाली की रात दो बच्चों के अपहरण का मामला पुलिस द्वारा सुरक्षित तरीके से सुलझा लिया गया है। दोनों बच्चों को किडनैप करने वाले मुख्य आरोपी अर्जन उर्फ नन्नू को समराला रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि आरोपी ट्रेन से भागने की योजना बना रहा था, लेकिन समय रहते पुलिस ने उसे पकड़ लिया। हालांकि, इस मामले में अभी तक पुलिस द्वारा अपहरण के कारणों का खुलासा नहीं किया गया है। फिलहाल, आरोपी का रिमांड लिया गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

इस मामले में खन्ना की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) अश्विनी गोत्याल ने तात्कालिक संज्ञान लिया और अपहरण की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने तीन विशेष पुलिस टीमों का गठन किया, जिसमें डीएसपी समराला तरलोचन सिंह, सीआईए इंचार्ज अमनदीप सिंह और माछीवाड़ा साहिब के एसएचओ पवित्र सिंह शामिल थे। इन टीमों ने मिलकर विभिन्न तरीकों से बच्चों को खोज निकाला। डीएसपी तरलोचन सिंह ने बताया कि बच्चों का मेडिकल कराया गया है और दोनों सुरक्षित हैं। आरोपी ने अभी तक अपहरण के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं किया है, और उसे पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है। इसके अलावा, बिहार पुलिस को भी आरोपी के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्र भेजा जाएगा।

आरोपी अर्जन, जो मूलतः बिहार का निवासी है, ने दिवाली के दिन संजय के बच्चों को पटाखे दिलाने के बहाने अपने साथ ले जाने की योजना बनाई थी। संजय अलीगढ़ का निवासी है, जो अपने परिवार के साथ सिताबगढ़ में रह रहा था और खेतों में काम कर रहा था। अर्जन और संजय परिवारिक रिश्तों को लेकर निकटता से जुड़े हुए थे, क्योंकि अर्जन संजय की पत्नी को बहन मानता था और संजय के बच्चों के लिए वह मुंह बोला मामा था। दिवाली की रात अर्जन ने अपने मालिक से पटाखे खरीदने के लिए 3000 रुपए लिए और बच्चों को पटाखे दिलाने का लालच देकर अपने साथ ले गया।

बच्चों की बरामदगी के बाद, पिता संजय ने खन्ना पुलिस का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने किसी भी तरह की कठिनाई को दूर करते हुए उनके बच्चों को सुरक्षित लौटाया। यह घटना जहां एक ओर पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर समाज में विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी मजबूती प्रदान करती है। ऐसे मामलों में पुलिस की सक्रियता और समाज का सहयोग बेहद महत्वपूर्ण होता है, जिससे बच्चों जैसे नाजुक मामलों को तुरंत सुलझाया जा सके।