पंजाब के मुक्तसर जिले के गिद्दड़बाहा विधानसभा क्षेत्र में गुरु तेग बहादुर नगर की 31 फुट गली में एक नोहरे में रखी गई पराली की गाठों में अचानक आग लगने की घटना सामने आई है। यह आग शाम के समय लगी, जिसके चलते बड़ी मात्रा में पराली जलकर पूरी तरह से राख हो गई। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस आग ने आस-पास के मकानों को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया।
आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड के कर्मियों ने तत्परतापूर्वक घटना स्थल पर पहुंचकर आग बुझाने का काम शुरू किया। फायर मैन अनमोल सिंह के नेतृत्व में, फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियों ने मिलकर आग पर काबू पाया। ऐसे समय में फायर ब्रिगेड की त्वरित कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई, जिसमे उन्होंने आग को फैलने से रोक लिया। स्थानीय निवासियों ने इस घटना के बाद उच्च प्रशासन से यह मांग की है कि घनी आबादी में पराली को स्टोर करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पराली की ये गाठें एक व्यक्ति द्वारा रखी गई थीं, जिसके बारे में बताया जा रहा है कि उसका नाम ज्ञानी गऊ वाला है। स्थानीय निवासियों ने यह भी चिंता जताई कि इस तरह की फायर हैजर्ड्स की संभावनाएँ काफी बढ़ जाती हैं। आग लगने का यह मामला एक बार फिर से यह दर्शाता है कि किस प्रकार से ऐसे ज्वलनशील पदार्थों का संचय नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
लोगों के द्वारा प्रशासन से की जा रही इस मांग पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके। सरकार और स्थानीय निकायों को चाहिए कि वे गैरी में ऐसे खतरनाक सामग्रियों के संग्रहण को नियंत्रित करें, जिससे शहरवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को जागरूक किया है, बल्कि यह एक अलार्म के रूप में भी कार्य कर रहा है कि नगर में सुरक्षा के उपायों को सख्ती से लागू किया जाए।
आग लगने की इस घटना ने हमारी समाज में आग लगने की संभावनाओं के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाया है। ऐसे में समग्रता में सशक्त योजनाओं और प्रभावी उपायों का कार्यान्वयन बहुत आवश्यक है, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके। कहीं न कहीं यह घटना हमें आग से होने वाली हानियों के प्रति सजग रहने की सीख देती है।