प्रदूषण से निपटने के व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता ः प्रो अजय कुमार सूद
नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रो. अजय कुमार सूद का कहना है कि वायु प्रदूषण एक बहुआयामी मुद्दा है और यह कई कारकों से प्रभावित होता है। ऐसे में एक ऐसा दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, जिसमें इसकी जटिलता और व्यापक मौसम संबंधी प्रक्रियाओं, परिष्कृत उत्सर्जन सूची तथा विस्तृत एयरशेड मैपिंग को शामिल किया गया हो। इससे ही एक मजबूत रणनीतिक प्रतिक्रिया बनाई जा सकेगी।
पीएसए प्रो. अजय कुमार सूद ने गुरुवार को वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के साथ इसके संबंध के मुद्दे को संबोधित करने के लिए हितधारकों की एक बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान उन्होंने वायु गुणवत्ता में सुधार और सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा पर्यावरणीय स्थिरता के लिए इसके महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बैठक का उद्देश्य एनआईएएस द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्षों पर विचार-विमर्श करना और अल्पकालिक और दीर्घकालिक समय-सीमा में प्रभावी प्रदूषण नियंत्रण के लिए विज्ञान-आधारित रणनीतियों को शामिल करने के तरीकों पर चर्चा करना है।
उल्लेखनीय है कि पीएसए कार्यालय ने प्रायद्वीपीय भारत में एयरशेड प्रबंधन की जांच के लिए 2023 की शुरुआत में राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान (एनआईएएस) को एक परियोजना प्रायोजित की। इस परियोजना का उद्देश्य वायुमंडलीय प्रदूषण परिवहन तंत्र, उत्सर्जन प्रभाव आकलन और इस क्षेत्र में भूमिका निभाने वाले विशिष्ट जलवायु कारकों का अध्ययन करने के लिए बारीक ग्रिड वाले उत्सर्जन डेटा और उन्नत जीआईएस-आधारित मॉडल का उपयोग करना है।
बैठक में वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हुए जिनमें पीएसए कार्यालय के वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा और भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा शामिल थे।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, नीति आयोग, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान (डॉ. शैलेश नायक और प्रो. गुफरान बेग), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।
—————