पंजाब के लुधियाना में 8 नवंबर को एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 19 जिलों के 10,031 नए सरपंचों को शपथ दिलाई गई। यह शपथ ग्रहण समारोह धनांसू में हुआ, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल और राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल हुए। इस दौरान, कंप्यूटर शिक्षा से जुड़े शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान का घेराव करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें कोहाड़ा के पास रोक दिया।
अरविंद केजरीवाल ने नए सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को अपने अस्तित्व में 12 साल हो चुके हैं और उन्होंने कई चुनावों में भाग लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि एक विधायक या एमएलए बनना अपेक्षाकृत सरल है, लेकिन सरपंच बनना सरल प्रक्रिया नहीं है। सरपंचों को गांववालों का विश्वास बनाए रखना होगा और उनकी जिम्मेदारियों को पालन करना होगा। उन्होंने सरकार की ओर से दी जाने वाली ग्रांट का उपयोग जनता की भलाई के लिए करने की सलाह दी और कहा कि सरपंच को गांव के विकास में सामूहिक रूप से निर्णय लेने चाहिए।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि नए सरपंचों की भूमिका गांव के विकास में महत्वपूर्ण है और सरकार उनके साथ खड़ी रहेगी। उन्होंने सरपंचों को सख्त सलाह दी कि किसी भी धूर्त व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। मान ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनाव के समय दलों का उल्लेख करना जरूरी है, लेकिन सरपंच को अपने गांव के लिए समर्पित रहना चाहिए। उन्होंने सामाजिक कल्याण योजनाओं पर जोर दिया, जैसे मोहल्ला क्लीनिक और स्कूलों की स्थापना।
इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब का नशामुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए लोगों को जागरूक करना होगा। उन्होंने पंजाब में जल स्तर की स्थिति का भी उल्लेख किया, जिसमें हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि जल स्तर में सुधार हो रहा है। मान ने 45,000 युवाओं को रोजगार देने और मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने की भी बात की। उन्होंने शिक्षा को गरीबी उन्मूलन का सबसे प्रभावी उपाय बताया और स्कूलों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया।
शपथ ग्रहण के इस उत्सव के बाद, आम आदमी पार्टी उपचुनावों की तैयारी में जुट जाएगी, जिसमें चार विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। केजरीवाल 9 नवंबर को होशियारपुर और गुरदासपुर में प्रचार करेंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि इस बार पंजाब में 3,037 सरपंच सर्वसम्मति से चुने गए हैं, जिसमें फिरोजपुर, गुरदासपुर और तरनतारन जैसे जिलों में सरपंचों की संख्या सबसे अधिक है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सर्वसम्मति से चुने गए गांवों को विकास के लिए अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी। इस प्रकार, पंजाब में गांवों के विकास के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।