पंजाब कांग्रेस आगामी 20 नवंबर को चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को जीतने के लिए पूरी तैयारी कर रही है। इसके तहत पहले एक स्ट्रेटेजी और प्लानिंग कमेटी का गठन किया गया था, जिसके बाद अब कांग्रेस ने खासतौर पर इन चार हलकों के लिए 23 सदस्यों की एक स्पेशल सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म टीम का गठन किया है। यह टीम आज से अपना काम शुरू कर देगी। पार्टी ने अपने युवा संगठन, बाल जवाहर मंच, को भी इन उपचुनावों में मैदान में उतारा है। इस टीम का मुख्य लक्ष्य युवा वोटर्स को कांग्रेस से जोड़ना है और साथ ही साथ उन्हें यह बताना है कि कांग्रेस ने देश के लिए क्या-क्या काम किए हैं। पार्टी ने इस संबंध में जानकारी अपने फेसबुक अकाउंट पर साझा की है।
इस चुनावी महाकुंभ में कांग्रेस स्थानीय चेहरों का सहारा लेगी। चुनावी स्थिति को देखते हुए, झारखंड और मुंबई में भी इसी दिन मतदान हो रहा है, जिससे पार्टी के बड़े नेता इस बार यहां नहीं आ पाएंगे। इस वजह से कांग्रेस ने अभी तक अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी नहीं की है और प्रदेश के नेताओं की एक स्ट्रेटेजी प्लानिंग कमेटी का गठन किया है ताकि चुनावी अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके। सभी नेताओं ने इस समय चुनावी मोर्चा संभाल रखा है और पार्टी का प्रयास है कि इन सीटों पर पुनः अपना वर्चस्व स्थापित किया जाए। गौरतलब है कि इन चार सीटों में से तीन—डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा—पहले कांग्रेस के पास थीं, जबकि बरनाला सीट पर आम आदमी पार्टी का कब्जा था।
इन उपचुनावों का परिणाम भले ही राज्य की राजनीति पर असर न डालें, फिर भी यह चुनाव भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लिए एक प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। जहाँ एक तरफ शिरोमणि अकाली दल इस बार चुनावी मैदान में नहीं उतर रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी की सरकार राज्य में है और वह हर हाल में जीतने की कोशिश कर रही है। कांगे्रस की स्थिति मजबूत रखने के लिए टिकट वितरण में पहले से मौजूद समीकरणों को ध्यान में रखा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा अनुभव और ताकतवर उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जा सके।
भाजपा भी अपनी रणनीति बनाने में जुटी है, उन्होंने इस चुनाव को 2027 के चुनावों की तैयारी के रूप में देखना शुरू कर दिया है। पार्टी का दावा है कि हरियाणा की राजनीति का असर अब पंजाब पर भी देखने को मिलेगा। इससे साफ है कि सभी राजनीतिक दल इस उपचुनाव को गंभीरता से ले रहे हैं और पूरी ताकत के साथ इसमें उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं। पंजाब की राजनीतिक स्थिति को लेकर उत्सुकता बनी हुई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि 20 नवंबर को इन चार सीटों पर कौन सी पार्टी जीत हासिल कर पाती है।