लुधियाना में इस बार दिवाली का त्योहार कुछ खास नहीं रहा, क्योंकि शहर में कई विवाद और आगजनी की घटनाओं ने लोगों की खुशियों पर पानी फेर दिया। बीती रात, दिवाली के अवसर पर, लगभग 80 लोग विभिन्न कारणों से मेडिकल अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इन घटनाओं में से कई लोग शराब पीकर झगड़ने के कारण घायल हुए, जबकि पटाखों को लेकर भी कई झड़पें देखने को मिलीं। इनमें से 5 लोग आगजनी में झुलस गए हैं, जिसमें लोहारा रोड पर रात 12 बजे हुए सिलेंडर ब्लास्ट की घटना प्रमुख है। इस धमाके में दो लोग गंभीर रूप से झुलसे हैं।
सिलेंडर ब्लास्ट की घटना महादेव नगर के गली नंबर 2 में स्थित अमर किराना स्टोर के पास हुई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि पटाखों को जलाते समय आग सिलेंडर तक पहुंच गई, जिससे जोरदार धमाका हुआ। घायलों में रजत कुमार गुप्ता और 12 वर्षीय आयुष कुमार शामिल हैं, जिन्हें तुरंत सीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनका इलाज किया गया, लेकिन उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है, क्योंकि उनके हाथ, पेट और आंतों पर चोटें आई हैं। इस बीच, गांव धोला कक्का में भी एक घटना सामने आई जहाँ दो युवकों पर तलवार से हमला किया गया। उन युवकों की गाड़ी को भी अज्ञात लोगों ने तोड़ दिया।
धोला कक्का में घायल युवकों के नाम सुखराज और अर्श हैं। उन्हें रात के समय सिविल अस्पताल लाया गया, जहाँ अर्श की उंगलियां कट गई थीं। घायलों ने बताया कि वे गांव से बाहर किसी कार्य के लिए जा रहे थे, तभी कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर हमला किया। इस विषय में उन्होंने संबंधित थाना पुलिस को सूचित करने की बात कही है। सिविल अस्पताल में घायल युवकों की स्थिति को देखते हुए उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भेजा गया। ताजा घटनाक्रम से स्पष्ट है कि दिवाली का त्योहार अब तक की सबसे अनियंत्रित और हिंसक रातों में से एक रहा।
अस्पतालों और अस्पताल परिसर में बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया है। पिछले सप्ताह में सिविल अस्पताल में 3 से 4 झड़प की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस चौकी के बाहर भी ईंट-पत्थर चले थे, जिसके बाद जिला पुलिस हरकत में आई। थाना डिवीजन नंबर 2 ने सिविल अस्पताल में लगभग 15 पुलिसकर्मियों को तैनात किया है, जो अस्पताल में होने वाली झड़पों को नियंत्रित करने का कार्य करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने का निर्णय प्रशासनिक स्तर पर लिया गया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
इस तरह की स्थिति ने लुधियाना के निवासियों को चिंतित कर दिया है, क्योंकि त्योहार का आनंद खो गया है और उनकी सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं बढ़ गई हैं। प्रशासन को इस ओर गंभीरता से ध्यान देना होगा ताकि ऐसे मामले फिर से न हों और लोग अपने त्योहार को खुशी-खुशी मना सकें।