पंजाब के लुधियाना में आज एक अभियान के तहत विशेष कार्य बल (STF) के एक सब-इंस्पेक्टर पर नशा तस्करों को अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है। सब-इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है। उनके अलावा, दो अन्य प्राइवेट व्यक्तियों, नरिंदर सिंह और अवतार सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। यह मामला उस समय सामने आया जब एक मेडिकल जांच के दौरान गुरमीत सिंह ने मीडिया के सामने डीएसपी विर्क का नाम लिया और कहा कि आरोपियों को छोड़ने का निर्णय उनके द्वारा नहीं लिया गया, बल्कि सीनियर अधिकारियों की ओर से किया गया था। इस बयान के पीछे के कारण की स्पष्ट जानकारी किसी वरिष्ठ अधिकारी ने नहीं दी।
इस संदर्भ में STF के एआईजी स्नेहदीप शर्मा ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह की गिरफ्तारी संदिग्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि गुरमीत सिंह ने कुछ नशा तस्करों को पकड़ा था, लेकिन उन्हें अपनी रिपोर्ट में गलत जानकारी देकर डीएसपी को गुमराह किया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब जब गिरफ्तारी हो चुकी है, तो गुरमीत सिंह अपने ऊपर लगे आरोपों को बचाने के लिए डीएसपी पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। एआईजी ने यह भी कहा कि मामले की जाँच की जा रही है और यह स्पष्ट करना अनिवार्य है कि आगे की कार्रवाई कैसे की जाएगी।
हिरासत में लिए गए आरोपियों, चरणजीत सिंह और रणवीर सिंह से पूछताछ के दौरान यह पता चला कि उन्हें 17 सितंबर को सब-इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह ने गांव पातड़ा से पकड़ा था। उनके पास से 690 ग्राम अफीम बरामद की गई थी। जब डीएसपी सतविंदर सिंह विर्क ने उनसे जानकारी ली, तब दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्हें किसी भी उचित सूचना के बिना हिरासत में रखा गया था। नतीजतन, दोनों पर मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया। जब इस मामले की गहनतापूर्वक जांच की गई, तो सामने आया कि अधिकारी ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग करते हुए आरोपियों को अवैध रूप से हिरासत में रखा था।
इसके चलते, सब-इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, नरिंदर सिंह और लखविंदर सिंह को 3 नवंबर को भारतीय दंड संहिता की धारा 127(2), 61(2) BNS 2023 और 59(2) NDPS एक्ट के तहत मामला दर्ज कर दिया गया है। यह पूरा मामला न केवल पुलिस प्रशासन के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी एक चेतावनी के रूप में काम करेगा, जिससे इस तरह के मामले होशियारी और सतर्कता का सिखाने के साथ ही व्यावसायिक नैतिकता पर ध्यान केंद्रित करता है। पुलिस विभाग इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए अपनी कार्रवाई में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।