संगरुर में एसडीएम की तत्परता: 9 एकड़ पराली जलने से बचाई!

पंजाब के संगरुर जिले में, डिप्टी कमिश्नर संदीप ऋषि के निर्देशन में प्रशासन और पुलिस की टीमें पिछले कई हफ्तों से सक्रिय रूप से मिलकर काम कर रही हैं। यह गतिविधियाँ विशेष रूप से सब डिवीजन लहरागागा में संचालित हो रही हैं, जहां किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। एसडीएम सूबा सिंह और डीएसपी दीपिंदरपाल सिंह जेजी के नेतृत्व में इन टीमों ने विभिन्न गांवों का दौरा किया है, ताकि किसानों को पराली जलाने के खतरों के बारे में बताया जा सके और उन्हें इस कार्य से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जा सके।

टीमों ने यह सुनिश्चित किया है कि अगर किसी भी खेत में पराली जलाने की घटना की सूचना मिलती है, तो वे तुरंत मौके पर पहुंच जाएं। यह कार्रवाई तत्काल होती है ताकि फसल के अवशेष जलाने की प्रक्रिया को रोका जा सके। यदि कोई किसान नियमों का उल्लंघन करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाए जाते हैं। हाल ही में, एसडीएम सूबा सिंह को गाँव लदाल में एक किसान द्वारा पराली जलाने की सूचना मिली थी। उन्होंने तुरंत नायब तहसीलदार, कृषि विकास अधिकारी, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर आग पर नियंत्रण पाया।

एसडीएम ने बताया कि इस प्रकार की घटनाओं को प्रारंभिक चरण में ही रोकने की कोशिश की जा रही है। आम जनता और पर्यावरण की सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जो लोग बार-बार पराली जलाने का कार्य कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। इस प्रकार की गतिविधियां न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन सकती हैं।

लदाल क्षेत्र में लगभग 9 एकड़ जमीन पर पराली को जलने से रोका गया है, जो इस अभियान की सफलता का एक उदाहरण है। स्थानीय प्रशासन की यह सख्त कार्रवाई दिखाती है कि संगरुर के अधिकारियों ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। इस दिशा में किए जा रहे प्रयास निश्चित रूप से न केवल प्रदूषण को कम करने में सहायक होंगे, बल्कि किसानों को भी पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने के प्रयासों का हिस्सा बनाते हैं।

इस सरकारी पहल से उम्मीद की जा रही है कि किसानों के बीच जागरूकता बढ़ेगी और वे कटाई के बाद फसल अवशेषों को जलाने के बजाय अन्य तरीकों का इस्तेमाल करेंगे। सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई एक सकारात्मक बदलाव का संकेत हो सकता है, जिससे पंजाब के पर्यावरण की सुरक्षा और कृषि के क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित की जा सकेगी।