उत्तर प्रदेश में अधिक पारा से फीका है गर्म कपड़ों का बाजार

उत्तर प्रदेश में अधिक पारा से फीका है गर्म कपड़ों का बाजार

कानपुर, 14 नवंबर (हि.स.)। नवंबर माह का पहला पखवाड़ा बीतने को है और देवोत्थानी एकादशी के बाद सहालगों का दौर जारी है। इसके बावजूद गर्म कपड़ों के बाजार में तेजी नहीं आ रही है। इसके पीछे कारण है कि उत्तर प्रदेश में अभी भी पारा सामान्य से अधिक चल रहा है। इससे सहालगों में अभी भी कॉटन कपड़ों की मांग बनी हुई है, हालांकि मौसम विभाग का कहना है एक पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने जा रहा है जिससे आगामी चार से पांच दिनों में तापमान में कमी आएगी।

दीपावली के बाद से शहरों में गर्म कपड़ों के बाजार सजने लगे हैं और थोक व्यापारी ऑर्डर देकर माल मंगा भी लिए हैं, लेकिन मौसम की बेरुखी से गर्म कपड़ों के बाजार पर असर पड़ रहा है। दीपावली के बाद दुकानदार यह उम्मीद लगाये हुए थे कि देवोत्थानी एकादशी के बाद शुरू होने वाले सहालगों में गर्म कपड़ों के बाजारों में रौनक आएगी, लेकिन अभी भी बाजार फीके पड़े हुए हैं। हर गर्म कपड़ों के बाजारों में माल भरा हुआ है लेकिन ग्राहक नदारत हैं। इससे दुकानदारों में बेचैनी बनी हुई है।

अरजन कॉम्लेक्स मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष वंसदानी ने गुरुवार को बताया शहर में अमृतसर से वूलेन या ऊनी सूट, गर्म इनर वियर की सप्लाई हो चुकी है। लुधियाना से कंबल और लोई आ चुकी है। इसके साथ ही पानीपत से भी कंबलों की सप्लाई शहर आ चुकी है। यहां से कानपुर ही नहीं आसपास के जनपदों में भी बिक्री होती है, लेकिन ठंड ना पड़ने से गर्म कपड़ों के बाजार में सन्नाटा है। ऊनी कुर्ती की मांग बाजार में नहीं है। सर्दी के साथ गर्म कपड़ों की मांग बढ़ेगी। कानपुर कपड़ा कमेटी के निदेशक रुमित सिंह सागरी ने बताया कि देवोत्थानी एकादशी से सहालग की शुरुआत हो चुकी है। इसके बावजूद गर्म कपड़ों की मांग बहुत कम है या कहे न के बराबर है। अभी भी कॉटन और इंडो वेस्टर्न डिजाइन वाले उत्पादन की मांग अधिक है। सर्दी ना पड़ने के कारण अभी गर्म कपड़ों की सप्लाई चैन भी प्रभावित है, जबकि अमूमन इस समय सर्दी के सीजन वाले कपड़ों की बिक्री रफ्तार पकड़ लेती है। इसके अलावा शहर में नेपाली लोगों ने भी गर्म कपड़ों की बाजारों को सजा रखा है, लेकिन इन सभी बाजारों में अभी रौनक नहीं दिखाई दे रही है।

चार से पांच दिनों में मौसम में होगा बदलाव

चंद्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि मानसून वापसी के बाद इस बार वातावरण अधिक शुष्क रहा और पश्चिमी विक्षोभ कमजोर रहे इससे अभी भी तापमान सामान्य से अधिक चल रहा है, हालांकि पछुआ हवाओं से रात के तापमान में बहुत ज्यादा अन्तर नहीं है। इसके बावजूद से दिन में अधिक तापमान होने के कारण सर्दी नहीं पड़ रही है। संभावना है कि तीन से चार दिन बाद एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में सक्रिय होने जा रहा है और पछुआ हवाओं के चलने से उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव आएगा और सर्दी बढ़ेगी।

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