मन गुब्बारे की तरह है, तनाव बढ़ने से मानसिक समस्याएं हाेती हैं : डाॅ. प्रीति चाण्डक

मन गुब्बारे की तरह है, तनाव बढ़ने से मानसिक समस्याएं हाेती हैं : डाॅ. प्रीति चाण्डक

धमतरी, 8 नवंबर (हि.स.)। बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव पीजी कालेज धमतरी सात दिवसीय विशेष शिविर मथुराडीह में लगा। बौद्धिक परिचर्चा के प्रथम सत्र में मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सक डाॅ. प्रीति चाण्डक ने मानसिक मरीजों की स्थितियों, मानसिक तनाव के कारणों से अवगत कराया। साथ ही कहा कि हमारा मन एक गुब्बारे की तरह होता है जिसमें लगातार हवा भरने से एक समय बाद वह फट जाता है उसी प्रकार हमारे मन में अनेक प्रकार के कार्यों का बोझ बढ़ने से हमारा मन तनाव में आ जाता है और मानसिक समस्याएं उत्पन्न होती है।

द्वितीय सत्र में प्रो कोमल प्रसाद यादव ने कानूनों को संचालित करने के लिए संविधान के गठन की आवश्यकता, उसमें उल्लिखित धाराओं की जानकारी दी साथ ही सायबर क्राइम की घटनाएं किस प्रकार होते है, एवं इससे बचाव कैसे किया जा सकता है, इसकी जानकारी दी गई। प्रो पंकज जैन ने भारत के कानून में हुए परिवर्तन के बारे में बताया। तीसरे दिन सुबह प्रभातफेरी शिविर स्थल से प्रारंभ कर, महार पारा से होते हुए गोंड पार, कुआं पारा और स्कूल पारा से पुनः शिविर स्थल किया गया। फिर स्वयंसेवकों को क्रीड़ा प्रभारी के द्वारा समस्त प्रभारियों और स्वयंसेवकों को सात बजे व्यायाम, योग व जुंबा डांस करवाया गया। साथ ही बताया गया कि प्रतिदिन योग करने के फायदे, उनसे प्राप्त होते हैं। ग्राम के विकास कार्यों में सहयोग करने के उद्देश्य से स्वयंसेवकों ने परियोजना कार्य में ग्राम के विभिन्न स्थानों की साफ-सफाई की साथ ही ग्रामीण बच्चों को स्वच्छता व साक्षरता के महत्वों की जानकारी दी गई।

सात दिवसीय विशेष शिविर मथुराडीह में शिविर नायक के तौर पर संकेत कुमार ने समस्त अतिथियों का आभार व्यक्त किया। शाम चार बजे स्वयंसेवकों ने खेलकूद का मजा उठाया। संध्या काल में स्वयंसेवकों ने ग्रामीणों में साक्षरता के स्तर का सर्वेक्षण कर उन्हें अपने बच्चों को डिजिटली शिक्षित करने की अपील की। तत्पश्चात रात्रि बेला में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य सुवा, गीत गायन एवं रैप सॉन्ग भी गया गया। इस पूरी दिनचर्या के दौरान कार्यक्रम कार्यक्रम अधिकारी आकांक्षा मरकाम,जिला संगठक सहा प्रा निरंजन कुमार, प्रो कृष्ण कुमार देवांगन, सहा प्रा भीखमचंद सहा प्राे भीखमलाल सायतोड़े, एवं प्रो आकांक्षा मिश्रा व सभी स्वयंसेवक उपस्थित थे।