पंजाब CM की दावेदारी में केंद्रीय मंत्री बिट्टू ने AAP सरकार को धान खरीद पर घेरा!

पंजाब की चार विधानसभा सीटों के उपचुनाव की तैयारी के बीच राजनीतिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। इस संदर्भ में केंद्रीय राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने सोमवार को गिद्दड़बाहा में मीडिया से बातचीत की। उन्होंने 2027 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की और साथ ही वर्तमान पंजाब सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। बिट्टू ने विशेष रूप से आम आदमी पार्टी (AAP) की कार्यशैली पर सवाल उठाए और कहा कि राज्य सरकार किसानों के मुद्दों को समझने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है।

बिट्टू ने बताया कि पंजाब के किसान आज भी मंडियों में भटक रहे हैं और उन्हें सही जानकारी नहीं मिल रही है कि सरकार कैसे चलाई जाती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने अभी तक केवल 4 लाख किसानों को धान खरीद के लिए 19,800 करोड़ रुपए जारी किए हैं, जबकि मंडियों में 90.7 लाख मीट्रिक टन फसल आ चुकी है। यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए पंजाब में नेता होना आवश्यक है, ताकि किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।

उन्होंने अपने दादा और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार बेअंत सिंह के गिद्दड़बाहा से संबंधों का भी जिक्र करते हुए कहा कि उनका परिवार इस क्षेत्र से गहरा जुड़ाव रखता है। बिट्टू ने यह भी कहा कि भाजपा 2027 में राज्य में सरकार बनाएगी, इसकी शुरुआत लोकसभा चुनाव में प्राप्त 19.5% वोट शेयर से हुई है। उनका मानना है कि पंजाब के लोगों को भाजपा के मुख्यमंत्री की आवश्यकता है ताकि सरकार पूरी तरह से प्रभावी ढंग से कार्य कर सके।

बिट्टू ने ‘डबल इंजन’ सरकार के संबंध में भी बात की और खुद को रेल मंत्रालय के लिए बुनियाद देने का दावा किया। उन्होंने कहा कि जब भाजपा की सरकार बनेगी, तब राज्य में अपराध और गैंगस्टर्स की समस्या का समाधान हो जाएगा। उनका यह भी कहना था कि अगर उनके मंत्री बनने के बाद किसी के घर में विलाप होता है, तो यह एक अलग मामला होगा, परन्तु फिलहाल किसान आंदोलन में बैठकर टोल प्लाजा बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आगे बढ़ते हुए, बिट्टू ने जोर देकर कहा कि 2027 में पंजाब के लिए भाजपा की सरकार का आना अत्यंत आवश्यक है। उनका स्पष्ट संदेश था कि पंजाब की स्थिति को बेहतर करने और कृषि संकट को समाप्त करने के लिए भाजपा का नेतृत्व आवश्यक है। उनका ये बयान आने वाले उपचुनाव और 2027 विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ी राजनीतिक पायदान बन सकता है। ऐसे में, अब देखने का विषय यह होगा कि उनके दावों का क्या असर पड़ता है और भारतीय जनता पार्टी अगले चुनावों में कैसे सफलता प्राप्त करती है।