स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों को काली सूची में डालने की मांग

 गुणवत्ता में कमी वाली स्मार्ट प्रीपेड मीटर कंपनियों को

काली सूची में डालने की मांग

लखनऊ, 07 नवम्बर (हि.स.)। स्मार्ट

प्रीपेड मीटर की जांच के बाद गुणवत्ता में कमी मिलने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई

और रिप्लेसमेंट का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। इस मामले में गुरुवार को उपभोक्ता परिषद

ने पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष गोयल से बात की और मीटर कंपनियों को काली सूची

में डालने की मांग की।आशीष गोयल ने राज्य विद्युत उपभोक्ता

परिषद को आश्वस्त किया कि घटिया क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं होगा। जब तक उच्च

गुणवत्ता साबित नहीं होगी, तब तक कंपनियों को कोई पेमेंट नहीं दिया जाएगा। इसके लिए

उपभोक्ता निश्चिंत रहें। उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन अध्यक्ष को अवगत कराया कि

पिछले तीन दिनों से बिहार में हंगामा मचा है। वहां 18 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर रिचार्ज

नहीं हो रहे है। सर्वर ठप्प हो गये हैं। कहीं उत्तर प्रदेश में ऐसी घटना न हो। मीटर

में आरटीसी में गडबडी गंभीर मामला है।

उपभोक्ता परिषद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम पक्षिमांचल विद्युत वितरण निगम व पूर्वांचल विद्युत वितरण

निगम दक्षिणांचल में इनटैलीस्मार्ट जीएमआर व पोलरिश द्वारा टेंडर लेकर

लगवाई जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर में पावर कॉरपोरेशन की उच्च स्तरीय टीम की जांच

में एलाइड इंजीनियरिंग वर्क्स ( ए0ई0डब्ल्यू)मेक में कमियां निकालने के बाद पावर कॉरपोरेशन

द्वारा उसे ठीक करने के लिए तीन से चार नोटिस भेजने के बाद भी उस पर कोई जवाब ना दिया

जाना यह सिद्ध करता है देश के निजी घराने कठोर कार्रवाई के बाद ही लाइन पर आएंगे। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि अभी तक जो 275000 स्मार्ट

प्रीपेड मीटर लगे हैं। उसमें यह कहना बिल्कुल उचित होगा कि लगभग 1.5 लाख मीटर इसी ए0ई0डब्ल्य

कंपनी के हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार

को पावर कॉरपोरेशन व सभी बिजली कंपनियों के अध्यक्ष डॉक्टर आशीष कुमार गोयल से बात

करते हुए कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर में कमियां आने के बाद भी सभी बिजली कंपनियां

घटिया मीटर को उपभोक्ताओं के यहां लगवा रही हैं। कल को यदि इसका खामियाजा उपभोक्ता

को भुगतना पड़ा तो कौन जिम्मेदार होगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पावर कारपोरेशन के बार-बार

पत्र लिखने के बाद भी मी कंपनियां जवाब तक नहीं दे रही है, जो गंभीर मामला है।

पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष

डॉक्टर आशीष कुमार गोयल ने उपभोक्ता परिषद को आश्वासन देते हुए कहा कि कोई भी घटिया

मीटर निर्माता कंपनी उत्तर प्रदेश में काम नहीं कर पाएगी। जब तक मीटर में कमियां दूर

नहीं होगी, किसी भी कंपनी को कोई पेमेंट नहीं दिया जाएगा और ना ही कंपनी का यूजर एक्सेप्टेंस

टेस्ट (यू0ए0टी) ही पास किया जाएगा। सबसे पहले उच्च गुणवत्ता का मीटर उत्तर प्रदेश

में देना होगा। पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं के हितों में हमेशा खडा है, किसी भी उपभोक्ता

के साथ अन्याय नहीं होने पाएगा।