हैदराबाद से गुम हुआ ग्रामीण कोसा नाग 21 साल बाद वापस अपने गांव पंहुचा

हैदराबाद से गुम हुआ ग्रामीण कोसा नाग 21 साल बाद वापस अपने गांव पंहुचा

जगदलपुर 25 नवंबर (हि.स.)। बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के धूरागांव निवासी 56 वर्षीय कोसा नाग 2 दशक पहले अपना परिवार पालने के लिए हैदराबाद मजदूरी करने चला गया था, लेकिन कोसा इस दौरान गुम हो गया। 21 साल बाद जब आज साेमवार काे अपने गांव पहुंचा ताे उससे मिलने ग्रामीणाें की भीड़ जुट गई।

उल्लेखनीय है कि गुम हाेने के बाद परिजन लंबे समय तक कोसा की तलाश करते रहे, लेकिन उन्हें कोसा का कोई पता नहीं चला। लगभग 21 वर्ष पहले हैदराबाद में गुम हुए कोसा नाग का पता चलने के बाद आखिरकार शनिवार को बेटा चमलू अपने गुम हुए पिता कोसा नाग से राजस्थान के गंगानगर में मिला। पिता पुत्र की इस मुलाकात के दौरान दोनों की आंखों में आंसू थे। कोसा नाग के बेटे चमलू नाग ने बताया कि पिता के जीवित होने की जानकारी जब पहली बार लगी तब उन्हें इस सूचना पर विश्वास नहीं हुआ। उन्हें वीडियो कॉल के जरिए पिता से बात कराई, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें पहचाना। जनपद सदस्य डॉ बसंत कश्यप, समाज सेवी कमलेश जेठवा, गांव के ही बिसनाथ कश्यप के साथ चमलू नाग राजस्थान के गंगानगर अपने पिता को लेने रवाना हुआ शनिवार को पिता-पुत्र की मुलाकात हुई। आज साेमवार काे पिता अपने बेटे के साथ खुशी-खुशी अपने घर के लिए लौट आया है।

चमलू नाग ने बताया कि दो दशक बीत जाने के बाद कोसा नाग का पता नहीं चलने से अपने पिता काे मरा हुआ समझ कर परिजन इसी वर्ष अंतिम संस्कार करने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन इसी बीच राजस्थान के गंगानगर स्थित अपना घर नामक एक सामाजिक संस्था के प्रतिनिधियों को कोसा नाग मिला। संस्था के द्वारा इंटरनेट के माध्यम से लोहंडीगुड़ा थाने में और उसरीबेड़ा के शिवा मेडिकल स्टोर में फोन कर कोसा नाग के गंगानगर में होने की जानकारी दी गई। हालांकि कोसा नाग के गुमशुदगी को लेकर लोहंडीगुड़ा थाने में किसी भी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं थी। चमलू नाग ने बताया कि पिता के जीवित होने की जानकारी उन्होंने जब पहली बार लगी तब उन्हें इस सूचना पर विश्वास नहीं हुआ, फिर अपना घर संस्था के सदस्यों ने उन्हें वीडियो कॉल के जरिए पिता से बात कराई जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें पहचाना।

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