किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत को लेकर तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इस समय देश को डल्लेवाल जैसे अनुकरणीय व्यक्तित्व की बहुत जरूरत है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब डल्लेवाल भारतीय किसान यूनियन सिधूपुर के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पिछले दो हफ्तों से केंद्र सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे हुए हैं। इस अनशन के चलते उनकी सेहत तेजी से बिगड़ रही है, जो चिंता का विषय है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सबसे पहले, डल्लेवाल का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जायज मांगों को सुनने की आवश्यकता है। डल्लेवाल पिछले 14 दिनों से अपनी मांगों के लिए अनशन कर रहे हैं, और इस दौरान उनकी सेहत में लगातार गिरावट देखी जा रही है। यह स्थिति चिंताजनक है और इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। उन्होंने पंजाब सरकार से अपील की कि उसे केंद्र सरकार से संपर्क कर डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाने चाहिए।
इस संदर्भ में ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने यह भी कहा कि आज के समय में देश को ऐसे संघर्षशील नेताओं की आवश्यकता है, जो अपने हक के लिए लड़ाई लड़ सकें। उनका मानना है कि यदि हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना है, तो हमें डल्लेवाल जैसे व्यक्तित्वों की जरूरत है। इस वक्त, उनके अनशन के चलते न केवल उनकी सेहत प्रभावित हो रही है, बल्कि इससे लाखों किसानों की आवाज भी दबी हुई है। इसलिए, पंजाब सरकार को केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करनी चाहिए जिससे कि जल्दी कोई समाधान निकल सके।
डल्लेवाल के अनशन से न सिर्फ उनकी हालत, बल्कि किसानों की समस्याओं पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है। उनके द्वारा उठाई गई मांगें केवल उनकी व्यक्तिगत मांगें नहीं हैं, बल्कि ये उस व्यापक समस्या का हिस्सा हैं जिसका सामना भारतीय किसान कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में उचित नीतियों की मांग और किसानों की भलाई के लिए संघर्ष करना आवश्यक है। ऐसे में यही कहा जा सकता है कि यदि डल्लेवाल की सेहत और मांगों का सम्मान नहीं किया गया, तो यह न केवल उनकी, बल्कि संपूर्ण किसान समुदाय की आवाज़ को भी कमजोर कर देगा।
इसलिए, सबके लिए यह जरूरी है कि हम डल्लेवाल का समर्थन करें और साथ ही, पंजाब सरकार भी तात्कालिक कदम उठाए। उनकी सेहत को प्राथमिकता देते हुए आवश्यक संवाद स्थापित करना चाहिए, ताकि डल्लेवाल अपने अनशन को समाप्त कर सकें और उनके जैसी आवाजें आगे बढ़ सके। इस प्रकार, देश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो संघर्ष और हिम्मत के साथ किसानों की समस्याओं को हल करने में सक्षम हो।