पंजाब के फाजिल्का में किसानों द्वारा किए जा रहे बंद के चलते विभिन्न स्थानों से किसान हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम कर रहे हैं। इस आंदोलन का असर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है, जहां मलोट चौक के नीचे रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया गया है। खासतौर पर, इस ठंड में 9 वर्षीय मनकीरत ने किसान आंदोलन का नेतृत्व करते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उसने कहा कि वह किसानों के हक के लिए आवाज उठाने के लिए इस संघर्ष में शामिल हुआ है।
मनकीरत, जो गांव कौड़ियांवाली का निवासी है, दूसरी कक्षा का छात्र है। उसने बताया कि उसे अपनी मांगे सही करवाने के लिए इस धरने में भाग लेने की प्रेरणा मिली है। उसके पिता नरेंदरपाल सिंह ने कहा कि परिवार के साथ मिलकर वह इस लड़ाई में शामिल हुए हैं, क्योंकि यह उनके और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। नरेंदरपाल का कहना है कि तापमान अत्यधिक ठंडा है, जिससे आम जनता का जीवन प्रभावित हो रहा है और बढ़ती ठंड से बचने के लिए अग्नि का सहारा लेना पड़ रहा है, लेकिन रेलवे ट्रैक पर बैठना उनकी मजबूरी बन गया है।
फाजिल्का में चल रहे इस धरने की वजह से रेलवे और सड़क मार्गों पर कई रूट प्रभावित हुए हैं, जिनमें फिरोजपुर और श्रीगंगानगर जाने वाले रास्ते शामिल हैं। किसान संगठनों का यह मानना है कि उनके अनुरोधों को सरकार ने अनसुना किया है, जिसके फलस्वरूप वे सड़कों और ट्रैकों पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं। नरेंदरपाल ने कहा कि वह अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए यह संघर्ष कर रहे हैं और यह जरूरी है कि सभी किसानों की आवाज सुनी जाए।
किसान आंदोलन में छोटे बच्चे की भागीदारी इस बात का संकेत है कि किसानों का संघर्ष केवल वयस्कों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। मनकीरत का साहसिक कदम न केवल उसके परिवार बल्कि सभी किसानों के लिए एक प्रेरणा साबित हो रहा है। इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अन्य किसान भी उनकी तरह ही अपनी आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस आंदोलन की धारणा को आगे बढ़ाते हुए, किसान संगठनों ने सरकार से यह मांग की है कि उनकी समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए, ताकि फाजिल्का और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन पुनः बहाल हो सके। कड़ाके की ठंड में बच्चों का इस संघर्ष में शामिल होना दर्शाता है कि ये किसान केवल अपनी हक के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े उद्देश्य के लिए लड़ रहे हैं।